Bihar News: बिहार में विराट रामायण मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग लगेगा, भक्तों के लिए खुशखबरी
शिवलिंग तमिलनाडु के महाबलीपुरम से 96 पहियों वाले हाइड्रोलिक ट्रेलर पर लाया जा रहा है, यात्रा में लगभग 20-25 दिन लगेंगे।

Bihar News: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में विराट रामायण मंदिर बन रहा है, जो जल्द ही भक्तों का बड़ा केंद्र बनेगा। यहां दुनिया का सबसे बड़ा एक ही पत्थर का बना शिवलिंग लगाया जाएगा। यह शिवलिंग 33 फीट ऊंचा और 210 टन भारी है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम से यह लाया जा रहा है। यात्रा में 20 से 25 दिन लगेंगे। मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना कर रहा है। यह खबर भक्तों के लिए बड़ी खुशी वाली है। रामायण की कहानी से जुड़े इस मंदिर में 22 मंदिर और 18 शिखर होंगे। छोटे-छोटे गांवों के लोग भी आसानी से समझ सकें, इसलिए सरल शब्दों में बताते हैं कि यह शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक बनेगा। स्थानीय लोग इसे देखने के लिए उत्साहित हैं।
विराट रामायण मंदिर कहां है और शिवलिंग की खासियत क्या है?
विराट रामायण मंदिर पूर्वी चंपारण के चकिया इलाके में बन रहा है। यह मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। यहां शिवलिंग को गर्भगृह में मुख्य आकर्षण के रूप में रखा जाएगा। शिवलिंग तमिलनाडु के पत्तिकाडु इलाके से आ रहा है। इसे एक ही ग्रेनाइट पत्थर से तराशा गया है। इतना बड़ा शिवलिंग देश के किसी भी मंदिर में पहले नहीं लगा। 96 पहियों वाले हाइड्रोलिक ट्रेलर पर इसे लाया जा रहा है। रास्ते में कई शहरों में विशेष मंच बनाए गए हैं। वहां भक्त पूजा-अर्चना और दर्शन कर सकेंगे। इंजीनियरों की टीम रास्ते की जांच कर रही है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और ट्रस्ट ने मिलकर योजना बनाई है। यह सब भगवान शिव की महिमा बढ़ाने के लिए हो रहा है।
Bihar News:दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग, आकार और वजन की पूरी जानकारी
यह शिवलिंग 33 फीट ऊंचा है, यानी एक तीन मंजिला इमारत जितना। इसका वजन 210 मीट्रिक टन है, जो कई ट्रक भरने लायक है। इसे बनाने में 10 साल से ज्यादा समय लगा। एक ही पत्थर से तराशने के कारण यह अनोखा है। मंदिर में इसे स्थापित करने के लिए गर्भगृह की नींव मजबूत की गई है। प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी और अन्य काम पूरे हो चुके हैं। इंजीनियर नंदन कुमार सिंह ने कहा, “शिवलिंग की स्थापना का काम चल रहा है। मंदिर परिसर में कई महत्वपूर्ण निर्माण पूरे हो चुके हैं, जैसे प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी और गर्भगृह की पाइलिंग। इसमें यह विशाल शिवलिंग मुख्य आकर्षण बनेगा।” यह बात ईटीवी भारत को दी गई।
विराट रामायण मंदिर का महत्व और धार्मिक इतिहास
विराट रामायण मंदिर रामायण महाकाव्य से जुड़ा है। यह भगवान राम और शिव की भक्ति का प्रतीक बनेगा। महावीर मंदिर ट्रस्ट ने इसे बनाने का फैसला लिया। मंदिर में 22 छोटे-बड़े मंदिर होंगे। 18 शिखर इसे भव्य बनाएंगे। शिवलिंग की स्थापना से मंदिर धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनेगा। बिहार के लोग गर्व महसूस करेंगे। प्राचीन कला का यह उदाहरण भक्तों को आकर्षित करेगा। यात्रा के दौरान रास्ते में भव्य स्वागत होगा। भक्त शिवलिंग के दर्शन के लिए दूर-दूर से आएंगे। यह योजना बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करेगी। छोटे किसानों और मजदूरों के परिवार भी यहां आ सकेंगे।



