Health News: बच्चों की पुरानी दवा संभालकर रखना जानलेवा आदत, डॉक्टरों की चेतावनी, जानें जोखिम और सुरक्षित तरीके
डॉक्टर की चेतावनी- पुरानी एक्सपायर्ड दवाएं बच्चों को न दें, सिरप खोलने के बाद बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, हो सकती है फूड पॉइजनिंग।

Health News: माता-पिता अक्सर बच्चों की बची हुई दवाइयां संभालकर रख लेते हैं, ताकि अगली बार जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकें। लेकिन यह सामान्य लगने वाली आदत बच्चों की सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि पुरानी या एक्सपायर्ड दवाएं नुकसान पहुंचा सकती हैं। विशेषज्ञ अनमोल चौहान ने डॉक्टर मोबीन के हवाले से बताया कि दवाओं की एक्सपायरी और उपयोग का तरीका बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर सिरप जैसी दवाओं की बोतल खोलने के बाद उनकी गुणवत्ता कम हो जाती है। अगर आप भी यह गलती करते हैं, तो तुरंत सुधारें।
पुरानी दवा के खतरे: असर खत्म
डॉक्टर मोबीन कहते हैं, “पुरानी या एक्सपायर्ड दवाएं बच्चे के शरीर पर उल्टा असर डाल सकती हैं।” बोतल खोलने के बाद सिरप की एक्सपायरी डेट बदल जाती है। सीलबंद बोतल की तारीख केवल बंद अवस्था के लिए होती है। खुलने पर बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं।
मुख्य जोखिम
1. असफल इलाज: दवा का असर खत्म हो जाता है, बीमारी ठीक न हो।
2. पेट संबंधी समस्या: उल्टी, दस्त या पेट दर्द हो सकता है।
3. एलर्जी और रैशेज: त्वचा पर लाल दाने या खुजली।
4. लीवर-किडनी डैमेज: लंबे समय में अंगों को नुकसान।
5. एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस: गलत इस्तेमाल से दवाएं बेअसर हो जाती हैं, भविष्य में इलाज मुश्किल।
उदाहरण: अमॉक्सिसिलिन सिरप खुलने के बाद 7 दिन में बेकार हो जाता है। कफ सिरप एक महीने से ज्यादा न रखें। रंग, स्वाद या महक बदलना खतरे का संकेत है।
सुरक्षित प्रथाएं: डॉक्टर की सलाह अपनाएं
डॉक्टरों का कहना है कि हर बीमारी के लिए नई दवा लें। पुरानी दवाएं फेंक दें।
टिप्स
1. ओपनिंग डेट नोट करें: बोतल खोलने पर तारीख लिखें।
2. सही स्टोरेज: ठंडी, सूखी जगह पर रखें। धूप-गर्मी से दूर।
3. एक बच्चे की दवा दूसरे को न दें: हर बच्चे की जरूरत अलग।
4. डॉक्टर से सलाह लें: बिना पूछे पुरानी दवा न दें।
5. एक्सपायरी चेक: हर बार तारीख देखें, पुरानी फेंकें।
डॉक्टर मोबीन कहते हैं, “बिना सलाह पुरानी दवा न दें। हर बच्चे की स्थिति अलग होती है।”
माता-पिता के लिए जागरूकता: सेहत पहले
यह आदत जानलेवा है। घर में दवाएं बच्चों की पहुंच से दूर रखें। त्योहारों में भी सतर्क रहें। अगर समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। सही जानकारी से बच्चे स्वस्थ रहेंगे।