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Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति, दिवाली से पहले मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले दी बड़ी राहत, क्यूआर कोड और NEERI मानकों वाले ग्रीन पटाखे ही बेचने की अनुमति।

Supreme Court Verdict: नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने ग्रीन पटाखे बेचने और जलाने की इजाजत दे दी है। यह अनुमति 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर 2025 तक के लिए है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से लोग खुश हैं, क्योंकि अब वे बिना डर के त्योहार मना सकेंगे। लेकिन अदालत ने साफ कहा कि प्रदूषण पर काबू रखना जरूरी है।

फैसले की मुख्य बातें: ग्रीन पटाखों पर फोकस

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन ने यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि पटाखों की इंडस्ट्री की चिंताओं को ध्यान में रखा गया है। पारंपरिक पटाखों की स्मगलिंग से ज्यादा नुकसान होता है, इसलिए ग्रीन पटाखों को बढ़ावा देना जरूरी है। कोर्ट ने सॉलिसिटर और एमिकस के सुझावों पर विचार किया। हरियाणा के 22 जिलों में से 14 एनसीआर में आते हैं, इसलिए वहां भी यह नियम लागू होगा।

कोर्ट ने कहा कि पेट्रोल टीमें पटाखे बनाने वालों की नियमित जांच करेंगी। उनके क्यूआर कोड साइट पर अपलोड करने होंगे। यह फैसला प्रदूषण कंट्रोल और त्योहार की परंपरा में बैलेंस बनाने का है।

प्रदूषण पर अदालत की चिंता: ग्रीन पटाखों का महत्व

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को गंभीर समस्या माना। अर्जुन गोपाल केस में ग्रीन पटाखों का कॉन्सेप्ट शुरू हुआ था। छह सालों में इनसे उत्सर्जन काफी कम हुआ है। एनईईआरआई (NEERI) का योगदान इसमें बड़ा रहा। पिछले सालों में कोविड को छोड़कर एयर क्वालिटी में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था। इसलिए 14 अक्टूबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक ग्रीन पटाखों के निर्माण पर बैन था, लेकिन अब राहत मिली है। कोर्ट ने कहा कि स्मगलिंग रोकने से पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।

लोगों की प्रतिक्रिया: खुशी की लहर

इस फैसले से दिल्ली-NCR में लोग खुश हैं। अब बिना डर के ग्रीन पटाखे खरीद और जला सकेंगे। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है, इसलिए कम इस्तेमाल करें। इंडस्ट्री को राहत मिली है, क्योंकि उनके सुझाव माने गए। कोर्ट ने कहा कि बैलेंस्ड तरीका अपनाएं। ग्रीन पटाखे पर्यावरण के लिए बेहतर हैं।

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