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Bihar Chunav: 'जब लक्ष्मण रेखा लांघते हैं, तो रावण सीता का हरण कर लेता है', दशहरे पर तेज प्रताप ने तेजस्वी को दी 'राम-लक्ष्मण' की नसीहत

दशहरे पर लालू परिवार का 'महाभारत' गहराया, तेज प्रताप ने तेजस्वी को रामायण का उदाहरण देकर चेताया।

Bihar Chunav: विजयादशमी के दिन, जब पूरा देश बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व मना रहा है, लालू परिवार के भीतर चल रहा ‘महाभारत’ और भी गहरा गया है। आरजेडी (RJD) से बगावत कर अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ बनाने वाले तेज प्रताप यादव ने आज दशहरे के मौके पर, रामायण का उदाहरण देते हुए अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर अब तक का सबसे बड़ा सांकेतिक और तीखा हमला बोला है। उन्होंने तेजस्वी को ‘लक्ष्मण रेखा’ न लांघने की नसीहत दी है और चेतावनी दी है कि ऐसा करने पर ‘रावण’ आकर सीता हरण कर लेता है।

मैंने हमेशा राम की भूमिका निभाई, लेकिन…’

तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैंने हमेशा तेजस्वी को अपना छोटा भाई, अपना लक्ष्मण माना है और खुद बड़े भाई राम की भूमिका निभाई है। लेकिन एक लक्ष्मण का भी धर्म होता है कि वह अपने बड़े भाई की बात माने, उनकी खींची हुई रेखा का सम्मान करे। इतिहास गवाह है कि जब-जब लक्ष्मण ने लक्ष्मण रेखा को लांघा है, तब-तब रावण आया है और सीता का हरण हुआ है।

कौन है ‘रावण’ और कौन ‘सीता’? इशारों में बड़ा हमला

तेज प्रताप के इस बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इस रामायण वाले उदाहरण में, ‘सीता’ का मतलब आरजेडी पार्टी या सत्ता है। ‘रावण’ का इशारा तेजस्वी के सलाहकार (जैसे संजय यादव) या फिर सीधे तौर पर एनडीए (NDA) की ओर है, जिसे इस पारिवारिक फूट का सबसे ज्यादा फायदा मिल रहा है। तेज प्रताप अपने इस बयान के जरिए यह चेतावनी दे रहे हैं कि तेजस्वी यादव अगर उनकी (बड़े भाई की) बात नहीं मानेंगे और सलाहकारों के कहने पर चलेंगे, तो पार्टी (सीता) का हरण हो जाएगा, यानी आरजेडी चुनाव हार जाएगी।

अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ के लिए मांग रहे समर्थन

यह बयान तेज प्रताप यादव द्वारा अपनी नई पार्टी बनाने के फैसले को सही ठहराने की एक और कोशिश है। वह इस तरह के भावनात्मक और धार्मिक उदाहरणों का उपयोग करके, खुद को लालू यादव की विरासत के ‘असली रक्षक’ के रूप में पेश कर रहे हैं। वह आरजेडी के परंपरागत समर्थकों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि तेजस्वी अब बाहरी लोगों की सलाह पर चल रहे हैं और पार्टी के मूल सिद्धांतों से भटक गए हैं, इसलिए असली लालू-राज की स्थापना के लिए उनकी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का समर्थन करें।

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