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Bihar News: सहरसा की बदलेगी सूरत, 98 करोड़ से मत्स्यगंधा झील का होगा कायाकल्प, बनेगा कोसी का सबसे बड़ा टूरिस्ट हब

सहरसा की मत्स्यगंधा झील के लिए 98 करोड़ की योजना, बनेगा सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र।

Bihar News: बिहार के कोसी क्षेत्र में पर्यटन को एक नई ऊंचाई देने के लिए, नीतीश कुमार सरकार ने सहरसा की प्रसिद्ध मत्स्यगंधा झील के कायाकल्प और सौंदर्यीकरण के लिए 98 करोड़ रुपये की एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य इस ऐतिहासिक झील को कोसी क्षेत्र के सबसे बड़े और सबसे आकर्षक पर्यटन केंद्र (Tourism Hub) के रूप में विकसित करना है। विधानसभा चुनाव 2025 से पहले इस बड़ी परियोजना की घोषणा को कोसी क्षेत्र के लिए सरकार का एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है।

98 करोड़ से होगा सौंदर्यीकरण, ये सुविधाएं होंगी विकसित

बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) के अनुसार, इस 98 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत मत्स्यगंधा झील और इसके आसपास के पूरे परिसर का कायाकल्प किया जाएगा। इस योजना में कई आधुनिक सुविधाओं का निर्माण शामिल है, जो पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। झील में पर्यटकों के लिए बोटिंग (नौका विहार) और अन्य वॉटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं शुरू की जाएंगी। झील के चारों ओर खूबसूरत पाथ-वे (पैदल पथ), लाइटिंग और बैठने के लिए बेंचें लगाई जाएंगी। इसके अलावा, परिसर के भीतर स्थित रक्तकाली और 64 योगिनी मंदिर का भी जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

बनेगा भव्य मंदिर और लेजर शो होगा आकर्षण का केंद्र

इस परियोजना का एक मुख्य आकर्षण एक नए और भव्य मंदिर का निर्माण होगा, जो झील के बीच में या किनारे पर बनाया जा सकता है। इसके साथ ही, शाम के समय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां एक म्यूजिकल फाउंटेन और लेजर शो की भी व्यवस्था की जाएगी। बच्चों के मनोरंजन के लिए एक अलग पार्क और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, जिससे यह एक संपूर्ण पारिवारिक पर्यटन स्थल बन सके।

Bihar News: पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना के पूरा होने से न केवल सहरसा, बल्कि पूरे कोसी क्षेत्र में पर्यटन को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। मत्स्यगंधा झील के एक बड़े टूरिस्ट हब के रूप में विकसित होने से यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के सैकड़ों नए अवसर पैदा होंगे। होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट और स्थानीय हस्तशिल्प जैसे कई व्यवसायों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का लक्ष्य इस परियोजना के माध्यम से सहरसा को बिहार के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाना है।

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