राजनीति
Trending

Bihar Election 2025: बिहार फतह के लिए BJP ने उतारी अपनी 'त्रिदेव' की टीम, धर्मेंद्र प्रधान बने प्रभारी, उत्तर प्रदेश के इस बड़े नेता पर खेला बड़ा दांव

धर्मेंद्र प्रधान बने चुनाव प्रभारी, केशव मौर्य व बिप्लब देब सह-प्रभारी; OBC वोट साधने का दांव

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी संगठनात्मक गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं। चुनावी प्रबंधन और रणनीति को धार देने के लिए, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। उनकी सहायता के लिए, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को सह-प्रभारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह नियुक्ति राज्य के जटिल राजनीतिक और जातीय समीकरणों को साधने की बीजेपी की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।

अनुभव और जातीय समीकरण का तालमेल

बीजेपी ने इस टीम के चयन में अनुभव और जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखा है। धर्मेंद्र प्रधान को एक सुलझे हुए नेता और कुशल रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है, जिनकी गठबंधन के सहयोगियों के साथ समन्वय बनाने की क्षमता बेहतरीन है। वहीं, केशव प्रसाद मौर्य की नियुक्ति को बिहार में गैर-यादव ओबीसी वोटों, खासकर कुशवाहा-मौर्य समुदाय को साधने के एक बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है। यूपी के उपमुख्यमंत्री होने के नाते, वह सीमावर्ती जिलों में भी पार्टी के अभियान को गति देंगे।

सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझाना होगी पहली प्राथमिकता

इस नई टीम के सामने चुनौतियों का अंबार है, लेकिन सबसे पहली और बड़ी चुनौती एनडीए के भीतर सीट बंटवारे के जटिल फॉर्मूले को अंतिम रूप देना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ‘बड़े भाई’ की भूमिका चाहती है, तो वहीं लोकसभा में शानदार प्रदर्शन करने वाले चिराग पासवान की लोजपा (आर) भी सम्मानजनक सीटों की मांग पर अड़ी है। इन सभी सहयोगियों के बीच तालमेल बिठाकर एक सर्वमान्य फॉर्मूला तैयार करना धर्मेंद्र प्रधान की टीम की पहली अग्निपरीक्षा होगी।

Bihar Election 2025: बगावत को रोकना और एकजुट अभियान चलाना

सीट बंटवारे के अलावा, पार्टी के भीतर टिकट के लिए उमड़ी 5000 से ज्यादा दावेदारों की भीड़ को संभालना भी एक बड़ी चुनौती है। टिकट न मिलने पर होने वाली बगावत को रोकना और सभी को एकजुट रखकर चुनाव अभियान चलाना इस टीम के संगठनात्मक कौशल का असली इम्तिहान होगा। इस टीम का काम यह सुनिश्चित करना होगा कि एनडीए एक एकजुट ताकत के रूप में चुनाव लड़े और महागठबंधन को कोई भी मौका न दे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button