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Bihar Chunav 2025: तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ीं, सोरेन ने बिहार में JMM के लिए मांगी 12 सीटें, माले-वीआईपी भी अड़ीं

JMM ने तेजस्वी से मांगी 12 सीटें, माले ने 19 का ऑफर ठुकराया, VIP की भी 30 सीटों की मांग; गठबंधन पर दबाव।

Bihar Chunav 2025: पटना, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने महागठबंधन से 12 सीटों की मांग की है, जो गठबंधन के समीकरण को जटिल बना रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी ने सीमांचल और झारखंड सीमा से सटे आदिवासी बहुल इलाकों पर दावा ठोका है। वहीं, सीपीआई (माले) ने 19 सीटों के ऑफर को ठुकराकर 30 सीटों की नई सूची भेज दी है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी ने भी 30 सीटों की मांग की है।

JMM की 12 सीटों की मांग: हेमंत सोरेन का फैसला अंतिम

JMM के महासचिव विनोद कुमार पाण्डेय ने कहा कि सीटों का अंतिम फैसला हेमंत सोरेन करेंगे। पार्टी ने उन सीटों पर दावा किया है जो झारखंड से सटी हैं और आदिवासी वोटरों का प्रभाव ज्यादा है। मांगी गई सीटें हैं – तारापुर, कटोरिया, मनीहारी, झाझा, पिरपैंती, ठाकुरगंज, बांका, रुपौली, चाकाई, जमालपुर, बानमांखी और रामनगर। पाण्डेय ने कहा, ये सीटें हमारे जनाधार वाली हैं। हम महागठबंधन के लिए मजबूत साथी हैं। JMM का दावा है कि इन इलाकों में उनकी मजबूत पकड़ है, जो गठबंधन को फायदा पहुंचाएगी। हेमंत सोरेन ने पटना में तेजस्वी से मुलाकात कर यह मांग रखी, जो गठबंधन की एकता पर सवाल खड़ी कर रही है।

माले की जिद: 19 को ठुकराया, 30 सीटों की नई सूची

सीपीआई (माले) ने आरजेडी के 19 सीटों के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। पार्टी ने नई 30 सीटों की सूची भेजी, जिसमें दरभंगा, मधुबनी, गया, नालंदा और चंपारण जैसे जिलों पर फोकस है। माले का कहना है कि यह सूची बिना समझौते के मानी जाए। पिछले चुनाव में माले ने 19 सीटों पर लड़ीं और 12 जीतीं। 2024 लोकसभा में 3 सीटों पर लड़ीं और 2 जीतीं। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, हमारे कार्यकर्ताओं ने मेहनत की है, हमें उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। यह मांग तेजस्वी के लिए सिरदर्द बन गई है।

वीआईपी की 30 सीटों की मांग: मुकेश सहनी की अड़चन

महागठबंधन की सहयोगी वीआईपी ने भी 30 सीटों की मांग की है। मुकेश सहनी ने कहा, हमारा जनाधार कई जिलों में फैला है। हमें सम्मानजनक संख्या मिलनी चाहिए। अगर मांग पूरी न हुई, तो वीआईपी अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है। सहनी की यह जिद गठबंधन की एकता को कमजोर कर रही है।

तेजस्वी के लिए चुनौती: गठबंधन बचाने की जद्दोजहद

तेजस्वी यादव के सामने अब वाम दलों, JMM, वीआईपी और कांग्रेस की मांगें हैं। आरजेडी ने 130 सीटों का लक्ष्य रखा है, लेकिन सहयोगियों की जिद से समीकरण बिगड़ रहा है। एक नेता ने कहा, तेजस्वी को समझौता करना होगा, वरना एनडीए को फायदा हो जाएगा। कांग्रेस भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर अड़ी है। महागठबंधन का दावा है कि एकजुट होकर एनडीए को हराएंगे, लेकिन यह तनाव चुनौती पैदा कर रहा है।

 

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