Jharkhand Politics: झारखंड BJP में बड़ा फेरबदल, आदित्य साहू बने नए कार्यकारी अध्यक्ष, OBC वोट बैंक पर नजर
झारखंड BJP ने OBC कार्ड खेला, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू बने कार्यकारी अध्यक्ष, मरांडी के काम का बोझ होगा कम।

Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संगठन में एक बड़ा और महत्वपूर्ण फेरबदल किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा सांसद और प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू को झारखंड बीजेपी का नया कार्यकारी अध्यक्ष (Working President) नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है, फीता काटकर उद्घाटन करते हुए। इस कदम को चुनाव से ठीक पहले, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के काम के बोझ को कम करने और संगठन को और अधिक मजबूती देने की एक बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
बाबूलाल मरांडी के ‘सहयोगी’ बनेंगे आदित्य साहू
जब से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को झारखंड बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है, तब से वह पूरे राज्य का लगातार दौरा कर रहे हैं और पार्टी के कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। उनके ऊपर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। इसी को देखते हुए, केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी सहायता के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया। आदित्य साहू अब बाबूलाल मरांडी के साथ मिलकर संगठन के कामकाज को देखेंगे और चुनावी रणनीतियों को जमीन पर उतारने में उनकी मदद करेंगे।
Jharkhand Politics: OBC चेहरे पर क्यों खेला बीजेपी ने दांव?
आदित्य साहू की इस नियुक्ति के गहरे राजनीतिक मायने हैं। वह ओबीसी समुदाय से आते हैं और अपनी साफ-सुथरी छवि के साथ-साथ एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस नियुक्ति के माध्यम से बीजेपी ने एक साथ कई निशाने साधे हैं। पहला, चुनाव से पहले राज्य के एक बड़े और प्रभावशाली ओबीसी वोट बैंक को एक सकारात्मक संदेश दिया गया है। दूसरा, बाबूलाल मरांडी (आदिवासी) और आदित्य साहू (ओबीसी) की यह नई जोड़ी राज्य के जातीय समीकरणों को साधने में मदद करेगी।
कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर, चुनाव पर पड़ेगा असर
आदित्य साहू की नियुक्ति की खबर आते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। पार्टी नेताओं का मानना है कि उनके अनुभव का लाभ संगठन को मिलेगा और आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और भी मजबूती से प्रदर्शन करेगी। यह फेरबदल बीजेपी की उस आक्रामक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह 2025 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले महागठबंधन को हराकर, राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।