Tej Pratap on Tejashwi Promise: तेजस्वी के 'हर घर नौकरी' वाले वादे पर तेज प्रताप ने फेरा पानी? बोले- 'यह संभव नहीं'
बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव ने हर घर एक सरकारी नौकरी का बड़ा वादा किया है, लेकिन उनके ही बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Tej Pratap on Tejashwi Promise: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजते ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव ने ‘हर घर एक सरकारी नौकरी’ का जो मास्टरस्ट्रोक खेला था, उस पर अब उनके ही बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहां तेजस्वी और पूरी RJD इस वादे को घर-घर तक पहुंचाने में जुटी है, वहीं तेज प्रताप ने इसे ‘असंभव’ बताकर न केवल पार्टी को असहज कर दिया है, बल्कि विपक्ष को भी हमला करने का एक बड़ा मौका दे दिया है।
क्या था तेजस्वी यादव का वादा?
गुरुवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव ने ऐलान किया था कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो वह 20 दिनों के भीतर एक नया कानून लाएंगे। इस कानून के तहत, राज्य के हर उस परिवार को एक सरकारी नौकरी दी जाएगी, जिसमें पहले से कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है। उन्होंने इस वादे को 20 महीने के भीतर पूरा करने का प्रण भी लिया था। तेजस्वी के इस वादे को 2020 के ’10 लाख नौकरी’ वाले वादे से भी बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है।
तेज प्रताप ने अपने ही भाई के वादे पर फेरा पानी
तेजस्वी के इस बड़े ऐलान के कुछ ही घंटों बाद, जब मीडिया ने उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव से इस पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था। तेज प्रताप ने कहा, “देखिए, हर घर में एक सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। हां, हमारी सरकार बनेगी तो हम युवाओं को रोजगार देंगे, नौकरियां निकालेंगे, लेकिन यह कहना कि हर परिवार को एक नौकरी मिल ही जाएगी, यह प्रैक्टिकल नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “तेजस्वी का इरादा नेक है, वह युवाओं के लिए चिंतित है, लेकिन हमें वही वादे करने चाहिए जो पूरे किए जा सकें। हम रोजगार के अवसर पैदा करेंगे, प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देंगे, लेकिन सरकारी नौकरी की अपनी एक सीमा होती है।”
Tej Pratap on Tejashwi Promise: भाई-भाई में फिर मतभेद?
तेज प्रताप का यह बयान लालू परिवार और RJD के भीतर चल रही खींचतान को एक बार फिर सतह पर ले आया है। यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप ने पार्टी लाइन से हटकर या तेजस्वी के किसी फैसले पर असहमति जताई हो। राजनीतिक जानकार इसे दो भाइयों के बीच वर्चस्व की लड़ाई और राजनीतिक मतभेद के रूप में देख रहे हैं। तेज प्रताप के इस बयान ने विपक्ष, खासकर JDU और BJP, को महागठबंधन पर हमला करने का एक बड़ा हथियार दे दिया है। विपक्ष अब यह कहकर RJD को घेर रहा है कि जब पार्टी के भीतर ही वादे पर यकीन नहीं है, तो जनता कैसे करेगी।
महागठबंधन में असहज स्थिति
तेजस्वी यादव अपने ‘हर घर नौकरी’ के वादे को ‘आर्थिक न्याय’ का नाम देकर पूरे चुनाव अभियान का मुख्य केंद्र बनाना चाहते हैं। लेकिन अब Tej Pratap on Tejashwi promise पर दिए गए इस बयान के बाद पार्टी को बचाव की मुद्रा में आना पड़ गया है। RJD के नेता अब इस पर सफाई देते हुए कह रहे हैं कि तेज प्रताप के कहने का मतलब कुछ और था और दोनों भाइयों के बीच कोई मतभेद नहीं है। हालांकि, चुनाव के इस महत्वपूर्ण समय पर इस तरह के बयान निश्चित रूप से महागठबंधन के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गए हैं।