
Bihar Chunav: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने एक तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को ‘एक्सपायर्ड दवाएं’ करार दिया। पीके का कहना है कि ये तीनों नेता बिहार की जड़ें खोखली करने वाली समस्याओं जैसे भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को जड़ से नहीं उखाड़ सकते। यह बयान मंगलवार को वैशाली के हाजीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया। बिहार की सियासत में यह नया ट्रेंड है कि नेता अब जनता से जुड़ने को मजबूर हैं, वरना वोट गंवा देंगे।
प्रशांत किशोर का तंज: एक्सपायर्ड दवाओं पर सीधी चोट
हाजीपुर कार्यक्रम में पीके ने खुलकर तीनों नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक्सपायर्ड दवाएं हैं। ये नेता भ्रष्टाचार और बेरोजगार को खत्म नहीं कर सकते।” उनका इशारा साफ था कि बिहार के युवाओं को नौकरी और सुशासन का वादा करने वाले ये नेता अब अप्रभावी हो चुके हैं। पीके ने बिहार की राजनीति में बदलाव की बात की। उन्होंने बताया कि पहली बार नेता डर रहे हैं कि अगर जनता से नहीं जुड़े तो वोट खिसक जाएंगे। जन सुराज पार्टी का मकसद इसी खालीपन को भरना है।
Bihar Chunav 2025: तेजस्वी की ‘अधिकार यात्रा’ पर भी सवाल
दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव ने मंगलवार को ‘बिहार अधिकार यात्रा’ शुरू की। यह यात्रा युवाओं की बेरोजगारी पर केंद्रित है। आरजेडी सांसद संजय यादव ने बताया कि यह यात्रा राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में छूटे जिलों को कवर करेगी। यात्रा में बेगूसराय, खगड़िया और मधेपुरा जैसे इलाके शामिल हैं। तेजस्वी का दावा है कि वे युवाओं को नौकरी, महिलाओं को अधिकार, शिक्षकों को सम्मान, बिहार में उद्योग स्थापना, शिक्षा-स्वास्थ्य में सुधार जैसे वादे पूरे करेंगे। यात्रा 20 सितंबर को वैशाली में समाप्त होगी।
लेकिन पीके ने इस यात्रा पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि वादे तो सब करते हैं, लेकिन अमल नहीं होता। तेजस्वी को ‘एक्सपायर्ड दवा’ कहकर पीके ने आरजेडी को घेरा। महागठबंधन की ओर से अभी कोई जवाब नहीं आया, लेकिन सियासी घमासान तेज हो गया है।
बिहार चुनाव का नया रंग
यह बयानबाजी बिहार चुनाव को रोचक बना रही है। एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा, जबकि महागठबंधन तेजस्वी पर दांव लगा रहा है। जन सुराज तीसरा विकल्प बनने की कोशिश में है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बेरोजगारी और भ्रष्टाचार ही मुख्य मुद्दे होंगे। पीके का यह हमला विपक्ष को कमजोर दिखाने की रणनीति लग रही है।