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Bihar Chunav: 'जंगलराज' के जवाब में NDA का 'विकासवाद', मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स बनेंगे मुख्य चुनावी हथियार

बिहार चुनाव 2025, 'जंगलराज' के जवाब में NDA का 'विकासवाद', मेगा प्रोजेक्ट्स से साधेगा वोट।

Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सत्ताधारी एनडीए (NDA) ने अपनी चुनावी रणनीति का खाका तैयार कर लिया है। आरजेडी (RJD) के ‘परिवारवाद’ और ‘जंगलराज’ के आरोपों के जवाब में, एनडीए इस बार ‘विकासवाद’ (Development) को अपना मुख्य चुनावी हथियार बनाने जा रहा है। बीजेपी और जेडीयू की “डबल इंजन” सरकार का पूरा फोकस राज्य में चल रहे या पूरे हो चुके “मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स” को जनता के सामने रखने पर होगा। पटना मेट्रो से लेकर नए पुलों और हाईवे का नेटवर्क, एनडीए की रणनीति इन्हीं के इर्द-गिर्द घूम रही है।

‘डबल इंजन’ सरकार के बड़े प्रोजेक्ट्स पर रहेगा फोकस

एनडीए की रणनीति स्पष्ट है, वह चुनाव को ’15 साल बनाम 15 साल’ (RJD vs. NDA) की बहस पर वापस ले जाना चाहती है। इसमें केंद्र सरकार के बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे पटना मेट्रो का तेजी से हो रहा निर्माण, पटना-गया-डोभी रोड, पटना-सासाराम फोर-लेन हाईवे, और गंगा नदी पर बन रहे कई नए पुल (जैसे कच्ची दरगाह-बिदुपुर ब्रिज) शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य में शुरू की गईं नई वंदे भारत ट्रेनों और दरभंगा एम्स (AIIMS) के काम को भी विकास के सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा।

नीतीश कुमार का ‘हर घर बिजली, हर घर जल’ का एजेंडा

जहां बीजेपी केंद्रीय परियोजनाओं को गिनाएगी, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ‘सुशासन’ मॉडल के मुख्य स्तंभों को सामने रखेंगे। इसमें ‘हर घर बिजली’ (पहुंच चुकी बिजली) और ‘हर घर नल का जल’ जैसी योजनाएं शामिल हैं, जिन्होंने गांवों की तस्वीर बदली है। इसके अलावा, राज्य भर में सड़कों का बिछाया गया जाल और बेहतर कानून-व्यवस्था (law and order) को एनडीए, आरजेडी के ‘जंगलराज’ के खिलाफ अपने सबसे बड़े तर्क के रूप में इस्तेमाल करेगा।

जाति से ऊपर ‘विकास’ पर वोट देने वालों पर नजर

एनडीए का मानना है कि बिहार में एक बड़ा वर्ग ‘आकांक्षी मतदाता’ (aspirational voter) का है, जिसमें युवा और महिलाएं शामिल हैं, जो अब जाति से ऊपर उठकर विकास, रोजगार और बेहतर सुविधाओं के नाम पर वोट करना चाहता है। हाल ही में पीएम मोदी द्वारा ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम के तहत बिहार के जलमार्गों को मिली नई गति को भी एनडीए अपने विजन के तौर पर पेश करेगा।

Bihar Chunav: ‘विकास’ बनाम ‘जंगलराज’ होगा मुख्य चुनावी विमर्श

एनडीए की यह पूरी रणनीति विपक्ष, खासकर तेजस्वी यादव, के 10 लाख नौकरियों के वादे और आरक्षण के मुद्दे की काट के तौर पर देखी जा रही है। बीजेपी और जेडीयू एक सुर में यह स्थापित करने की कोशिश करेंगे कि बिहार का भविष्य ‘विकास’ में है, न कि ‘विरासत’ की राजनीति में। यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए का यह ‘मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर’ का दांव, आरजेडी के सामाजिक न्याय के नारे पर कितना भारी पड़ता है।

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