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Bihar Politics: पीएम मोदी की मां के समर्थन में लालू के लाल, अपने पिता की पार्टी के खिलाफ तेजप्रताप करेंगे आंदोलन

पीएम की मां पर गाली से लालू परिवार में कलह, तेज प्रताप ने तेजस्वी के खिलाफ खोला मोर्चा।

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले ही लालू परिवार और आरजेडी में एक बड़ा पारिवारिक और राजनीतिक विस्फोट हो गया है। तेजस्वी यादव की रैली में प्रधानमंत्री मोदी की मां (दिवंगत हीराबेन) को दी गई गाली के वीडियो पर मचे घमासान के बीच, लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तेज प्रताप ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए ऐलान किया है कि वह “मातृशक्ति के अपमान” के खिलाफ अपने विधानसभा क्षेत्र महुआ में एक दिवसीय आंदोलन और उपवास करेंगे।

तेजस्वी की रैली, तेज प्रताप का आंदोलन

यह पूरा विवाद दो दिन पहले शुरू हुआ, जब बीजेपी ने तेजस्वी यादव की एक रैली का वीडियो जारी किया, जिसमें कथित तौर पर मंच से पीएम मोदी की मां के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। बीजेपी ने इसे ‘आरजेडी के जंगलराज के संस्कार’ बताते हुए तेजस्वी पर हमला बोला था। अब इस मामले में तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप ने ही अपनी पार्टी को घेर लिया है, जिससे आरजेडी की मुश्किलें दोगुनी हो गई हैं।

‘मैं मां-बहन की गाली बर्दाश्त नहीं करूंगा’: तेज प्रताप

तेज प्रताप यादव, जो अपनी धार्मिक प्रवृत्ति और मुखर बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने कहा कि वह राजनीतिक विरोध का समर्थन करते हैं, लेकिन किसी की मां या बहन को गाली देना बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री मोदी से हमारा राजनीतिक विरोध है, उनकी दिवंगत मां से नहीं। मां तो मां होती है। हमारी रैली में जो हुआ, वह शर्मनाक है और मैं इसके खिलाफ चुप नहीं बैठूंगा।” उन्होंने ऐलान किया कि वह महुआ में इस असंस्कारी” राजनीति के खिलाफ एक दिन का ‘सत्याग्रह’ करेंगे।

क्या यह परिवार की लड़ाई है या ‘नारी सम्मान’ का मुद्दा?

राजनीतिक विश्लेषक तेज प्रताप के इस कदम को सिर्फ ‘नारी सम्मान’ के मुद्दे से ज्यादा, लालू परिवार के भीतर चल रही अंदरूनी खींचतान के तौर पर देख रहे हैं। यह कोई रहस्य नहीं है कि तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के बीच पार्टी पर नियंत्रण को लेकर मतभेद रहे हैं। तेज प्रताप अक्सर खुद को पार्टी की मूल विचारधारा का ‘असली वारिस’ बताते रहे हैं। इस आंदोलन के जरिए, तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सीधे तौर पर नैतिक सवाल खड़ा कर दिया है और खुद को ‘संस्कारों’ का रक्षक दिखाने की कोशिश की है।

बीजेपी को मिला बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा

तेज प्रताप के इस ऐलान के बाद बीजेपी को आरजेडी पर हमला करने का एक और बड़ा हथियार मिल गया है। बीजेपी नेता अब कह रहे हैं कि जब लालू जी के बड़े बेटे खुद मान रहे हैं कि उनकी पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, तो बाकी क्या कहा जाए। चुनाव से ठीक पहले परिवार के भीतर की यह बगावत, तेजस्वी यादव के ‘MY-BAAP’ (बहुजन) समीकरण को साधने के प्रयास को बड़ा झटका दे सकती है।

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