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Bihar Chunav: लखीसराय में 'बाहरी' बनाम 'स्थानीय' की जंग, NDA और महागठबंधन दोनों में स्थानीय उम्मीदवार की मांग तेज

विजय सिन्हा पर NDA में असंतोष, महागठबंधन को अवसर; पोस्टर-बैठकों से माहौल गरम

Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी बढ़ने के साथ ही, लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में एक अनूठा राजनीतिक मुद्दा उबाल पर है, जिसने सत्ताधारी एनडीए (NDA) और विपक्षी महागठबंधन, दोनों खेमों में बेचैनी बढ़ा दी है। यहां ‘बाहरी’ बनाम ‘स्थानीय’ उम्मीदवार की बहस छिड़ गई है। पार्टी लाइन से ऊपर उठकर, दोनों प्रमुख गठबंधनों के स्थानीय कार्यकर्ता और आम जनता इस बार किसी ‘धरती पुत्र’ यानी स्थानीय नेता को ही अपने विधायक के रूप में देखना चाहते हैं।

‘बाहरी उम्मीदवार नहीं चलेगा’, लगे पोस्टर और हो रही बैठकें

लखीसराय शहर से लेकर गांवों तक, ‘स्थानीय उम्मीदवार’ की मांग को लेकर माहौल गरमा गया है। कई जगहों पर ऐसे पोस्टर देखे जा सकते हैं, जिन पर लिखा है, “लखीसराय को स्थानीय विधायक चाहिए” और “बाहरी उम्मीदवार नहीं चलेगा”। इस मुद्दे को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक कार्यकर्ता लगातार बैठकें कर रहे हैं और यह प्रस्ताव पारित कर रहे हैं कि जो भी गठबंधन स्थानीय व्यक्ति को टिकट देगा, वे उसका समर्थन करेंगे।

NDA में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के खिलाफ उठी आवाज?

यह मामला एनडीए, खासकर बीजेपी के लिए बेहद पेचीदा है, क्योंकि यहां से वर्तमान विधायक बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा हैं। विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से लगातार चुनाव जीतते आए हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर एक खेमा हमेशा यह मानता रहा है कि राज्य की राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका के कारण वह क्षेत्र में पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं। इसी भावना को आधार बनाकर, बीजेपी के भीतर भी एक गुट इस बार किसी स्थानीय चेहरे को मौका देने की वकालत कर रहा है, जिसने पार्टी नेतृत्व के लिए एक असहज स्थिति पैदा कर दी है।

मौके को भुनाने की तैयारी में महागठबंधन

दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन इस ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ की भावना को अपने लिए एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। महागठबंधन के नेताओं को लगता है कि अगर बीजेपी अपने मौजूदा विधायक विजय कुमार सिन्हा को ही दोबारा टिकट देती है, तो इस स्थानीय असंतोष का फायदा उठाया जा सकता है। इसलिए, आरजेडी और कांग्रेस के स्थानीय नेता भी अपने-अपने शीर्ष नेतृत्व पर एक मजबूत और लोकप्रिय ‘स्थानीय चेहरे’ को ही उम्मीदवार बनाने का दबाव डाल रहे हैं, ताकि इस मुद्दे पर जनता की सहानुभूति हासिल की जा सके।

Bihar Chunav: क्या पार्टियां स्थानीय भावना का करेंगी सम्मान?

​’स्थानीय उम्मीदवार’ की इस जोरदार मांग ने लखीसराय में दोनों गठबंधनों के लिए टिकट के बंटवारे को बेहद जटिल बना दिया है। अब देखना यह है कि क्या पार्टियां इस स्थानीय भावना का सम्मान करती हैं, या फिर वे अपने बड़े चेहरों और जीतने की क्षमता पर ही भरोसा जताती हैं। जो भी गठबंधन इस स्थानीय समीकरण को सही तरीके से हल करेगा, उसे आने वाले चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है।

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