Bihar News: भोजपुर के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 30 सितंबर तक खाते में आएगी फसल क्षति मुआवजे की रकम
भोजपुर के किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा मिलेगा, 30 सितंबर तक खातों में आएंगे पैसे।

Bihar News: बिहार के भोजपुर जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। इस साल मॉनसून के दौरान हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए फसल नुकसान की मुआवजा राशि (Crop Damage Compensation) जल्द ही उनके बैंक खातों में पहुंचने वाली है। जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और 30 सितंबर 2025 तक प्रभावित किसानों के खातों में डीबीटी (DBT) के माध्यम से पैसे भेज दिए जाएंगे।
बाढ़ और भारी बारिश से हुए नुकसान का मिलेगा मुआवजा
यह मुआवजा राशि उन किसानों को दी जा रही है, जिनकी फसलें इस मॉनसून सीजन (जुलाई-अगस्त 2025) में अत्यधिक वर्षा और बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई थीं। भोजपुर जिले के कई प्रखंडों, विशेषकर गंगा और सोन नदी के तटीय इलाकों में, धान और मक्के की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। किसानों की शिकायत के बाद, सरकार ने फसल क्षति के आकलन का निर्देश दिया था।
जिला प्रशासन ने पूरा किया सर्वे, भेजी गई रिपोर्ट
भोजपुर जिला कृषि विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त टीमों ने पिछले महीने नुकसान का आकलन करने के लिए एक व्यापक सर्वे किया था। इस सर्वे के माध्यम से प्रभावित किसानों और उनकी बर्बाद हुई फसल के रकबे का डेटा एकत्र किया गया। जिला प्रशासन के अनुसार, सर्वे का काम पूरा हो गया है और लाभार्थियों की सूची को अंतिम रूप देकर राज्य सरकार को भेज दिया गया है। सरकार से आवंटन प्राप्त होते ही, पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
30 सितंबर तक खातों में आ जाएगी राशि
जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि हर हाल में 30 सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। यह खबर किसानों के लिए ऐसे समय में आई है, जब उन्हें अगली रबी फसल की बुवाई के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। यह मुआवजा राशि (कृषि इनपुट सब्सिडी) उन्हें बीज, खाद और जुताई के लिए बड़ी आर्थिक मदद देगी।
Bihar News: कितनी मिलेगी मुआवजा राशि?
मुआवजा राशि आपदा प्रबंधन विभाग के तय मानकों के अनुसार दी जाएगी। आमतौर पर, असिंचित (rain-fed) क्षेत्रों के लिए 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर और सिंचित (irrigated) क्षेत्रों के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर तक का मुआवजा दिया जाता है। यह राशि अधिकतम दो हेक्टेयर तक के लिए ही देय होती है। अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों को आधार से लिंक रखें, ताकि डीबीटी ट्रांसफर में कोई समस्या न आए।