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लालू-नीतीश के डर' का खत्म हुआ 30 साल का राज, प्रशांत किशोर बोले- 'बिहार को चाहिए नया विकल्प

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मधेपुरा में कहा कि 30 साल से बिहार की जनता 'लालू के जंगलराज' के डर से बीजेपी को और 'बीजेपी के डर' से लालू को वोट दे रही थी, अब यह चक्र टूटेगा।

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) की रणभेरी बजने के साथ ही, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एनडीए (NDA) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। मधेपुरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीके ने दावा किया कि बिहार में पिछले 30 सालों से चल रहा ‘डर’ का राजनीतिक चक्र अब समाप्त हो रहा है और जनता के पास ‘जन सुराज’ के रूप में एक नया और बेहतर विकल्प मौजूद है।

‘डर’ पर चल रही थी 30 साल की राजनीति

प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार-बीजेपी, दोनों गठबंधनों पर निशाना साधते हुए कहा:

“बिहार में पिछले 30 सालों का दौर ऐसा रहा है कि लोग लालू जी (RJD) के डर से नीतीश कुमार-बीजेपी को वोट देते हैं, और बीजेपी के डर से लालू जी को वोट देते हैं। यह डर का राज अब खत्म हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इस ‘डर’ की राजनीति से बाहर निकलना चाहती है और अपने बच्चों के भविष्य के लिए एक नए, जाति-मुक्त विकल्प को अपनाने के लिए तैयार है।

महागठबंधन को बताया ‘तीसरे नंबर’ की पार्टी

पीके ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि बिहार की मुख्य लड़ाई अब एनडीए और जन सुराज के बीच है, और महागठबंधन इस दौड़ में ‘तीसरे स्थान’ पर खिसक गया है।

उन्होंने तेजस्वी यादव के ‘नायक’ वाले चित्रण पर तंज कसते हुए कहा, “अगर जिन लोगों ने बिहार को बर्बाद किया, वे ही ‘नायक’ हैं, तो फिर ‘खलनायक’ कौन है? बिहार की जनता जानती है कि राज्य को इस हालत में कौन लाया।”

हमें डेटा नहीं, बेटा चाहिए: PM मोदी पर भी निशाना

प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बिहार दौरे और उनके बयानों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा:

“प्रधानमंत्री मोदी जी दो दिन पहले बिहार में बोले कि हम बिहार को सस्ता डेटा दे रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं- ‘हमें डेटा नहीं, बेटा चाहिए’। आप फैक्ट्रियां गुजरात ले जाएंगे और बिहार को डेटा देंगे, ताकि यहां के लोग वीडियो कॉल पर अपने बच्चों को (जो बाहर मजदूरी कर रहे हैं) देख सकें?”

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