Raxaul Assembly Seat: BJP के 25 साल पुराने किले को भेद पाएगी कांग्रेस? 'जन सुराज' ने मुकाबला बनाया त्रिकोणीय
बिहार की रक्सौल विधानसभा सीट पर साल 2000 से बीजेपी का कब्जा है। 2020 में भी प्रमोद सिन्हा ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस और जन सुराज पार्टी ने इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
Raxaul Assembly Seat: भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पूर्वी चंपारण की रक्सौल विधानसभा सीट (Raxaul Assembly seat) का चुनावी इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है, लेकिन पिछले 25 सालों से यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) का एक अभेद्य किला बनी हुई है। साल 2000 से लेकर अब तक, यहां बीजेपी का परचम लगातार लहराता रहा है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में, जहां बीजेपी अपने इस गढ़ को बचाने के लिए तैयार है, वहीं महागठबंधन की ओर से कांग्रेस और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस किले को भेदने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।
रक्सौल का चुनावी इतिहास – कांग्रेस से बीजेपी तक
रक्सौल विधानसभा सीट का इतिहास कांग्रेस के दबदबे से शुरू हुआ था।
- कांग्रेस का स्वर्णिम युग: 1951 में हुए पहले चुनाव से लेकर 1985 तक, यह सीट ज्यादातर कांग्रेस के ही कब्जे में रही। कांग्रेस की राधा पांडेय ने यहां से शुरुआती चार चुनाव (1951, 1957, 1962, 1967) जीते। इसके बाद, कांग्रेस के ही सगीर अहमद ने भी यहां से चार बार (1972, 1977, 1980, 1985) जीत दर्ज की।
- जनता दल का दौर: 1990 और 1995 के चुनाव में जनता दल के राजनंदन राय ने इस सीट पर जीत हासिल की।
- बीजेपी का ‘अजेय’ किला: साल 2000 में बीजेपी के डॉ. अजय कुमार सिंह ने इस सीट पर जीत का जो सिलसिला शुरू किया, वह आज तक जारी है। डॉ. सिंह ने यहां से लगातार पांच बार (2000, फरवरी 2005, अक्टूबर 2005, 2010, 2015) जीत दर्ज की।
2020 में भी जारी रहा ‘कमल’ का जादू
2015 के बाद बीजेपी ने यहां उम्मीदवार बदला और प्रमोद कुमार सिन्हा पर दांव खेला। उन्होंने भी इस जीत के सिलसिले को जारी रखा।
- 2020 का परिणाम: पिछले विधानसभा चुनाव में, बीजेपी के प्रमोद कुमार सिन्हा को 80,979 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के रामबाबू यादव को मात्र 44,056 वोट ही मिल पाए। इस तरह, बीजेपी ने 36,923 वोटों के बड़े अंतर से यह सीट अपने नाम की।
Raxaul Assembly Seat: 2025 का ‘त्रिकोणीय’ मुकाबला
इस बार Raxaul Assembly seat पर मुकाबला सीधा नहीं, बल्कि त्रिकोणीय होने जा रहा है, जिसने इसे ‘हॉट सीट’ बना दिया है।
- बीजेपी (NDA): एनडीए की ओर से बीजेपी ने एक बार फिर अपने मौजूदा विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा पर ही भरोसा जताया है।
- कांग्रेस (महागठबंधन): महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने श्याम बिहारी प्रसाद को मैदान में उतारा है।
- जन सुराज: वहीं, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने कपिलदेव प्रसाद उर्फ भुवन पटेल को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रक्सौल में बीजेपी की संगठनात्मक मजबूती और सीमावर्ती इलाकों में किए गए विकास कार्यों के बल पर पार्टी को बढ़त मिल सकती है। लेकिन, कांग्रेस और जन सुराज की चुनौती को भी कम नहीं आंका जा सकता, जो इस 25 साल पुराने किले में सेंध लगाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
| पार्टी (Party) | 2025 के प्रत्याशी (Candidate) |
| बीजेपी (NDA) | प्रमोद कुमार सिन्हा (मौजूदा विधायक) |
| कांग्रेस (महागठबंधन) | श्याम बिहारी प्रसाद |
| जन सुराज पार्टी | कपिलदेव प्रसाद उर्फ भुवन पटेल |




