Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव से पहले JDU का बड़ा फैसला, 11 नेताओं को पार्टी से निकाला
बिहार चुनाव से पहले JDU की बड़ी कार्रवाई, पार्टी विरोधी काम और विपक्ष से गठजोड़ की कोशिश पर गाज गिरी।
Bihar Chunav 2025: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने 11 नेताओं को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। इनमें एक पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। यह कार्रवाई बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले की गई है। JDU का कहना है कि ये नेता पार्टी के खिलाफ काम कर रहे थे और विपक्ष की ओर रुख कर चुके थे। प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने निष्कासन का आदेश जारी किया। यह घटना बिहार की राजनीति में हलचल मचा रही है। एनडीए गठबंधन को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया लगता है।
पूर्व मंत्री समेत 11 नेताओं पर गिरी गाज
निष्कासित नेताओं की सूची में पूर्व मंत्री प्रह्लाद यादव का नाम प्रमुख है। वे लंबे समय से JDU के साथ जुड़े थे। अन्य नेताओं में सुनील कुमार, राम अवतार सिंह, रमाकांत यादव, विजय प्रकाश, रामेश्वर राय, अशोक कुमार, रामू राय, संजय सिंह और राजीव रंजन शामिल हैं। ये सभी विभिन्न जिलों से सक्रिय थे। पार्टी ने कहा कि ये लोग हाल ही में महागठबंधन की ओर झुकाव दिखा रहे थे। निष्कासन पत्र में स्पष्ट लिखा है कि इन्होंने पार्टी के हितों के खिलाफ काम किया। इससे इन नेताओं का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित हो गया है। विपक्ष ने इनकी तलाश शुरू कर दी है।
विपक्ष से गठजोड़ की कोशिश पर पार्टी सख्त
JDU ने निष्कासन का मुख्य कारण इन नेताओं का पार्टी लाइन से भटकना बताया। रिपोर्ट के अनुसार, ये नेता आरजेडी-कांग्रेस वाले महागठबंधन के साथ जुड़ने की योजना बना रहे थे। इससे एनडीए को नुकसान पहुंच सकता था। नीतीश कुमार ने हाल की बैठक में अनुशासन पर जोर दिया था। पार्टी का मानना है कि चुनाव से पहले ऐसी बगावत बर्दाश्त नहीं। यह कदम JDU को आंतरिक रूप से मजबूत करने का प्रयास है। विपक्ष इसे JDU की कमजोरी बता रहा है, जबकि एनडीए इसे एकजुटता का संकेत मान रहा। बिहार चुनाव में सीट बंटवारे पर अब नजरें टिकी हैं।
बिहार राजनीति में बढ़ी उलझन
यह निष्कासन बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे रहा है। JDU को महागठबंधन से टूटने के बाद एनडीए में वापसी करनी पड़ी थी। अब ऐसे कदम से पार्टी की इमेज मजबूत हो सकती है। लेकिन कई नेता खुले तौर पर बगावत की बात कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने भी पार्टियों को अनुशासन बनाए रखने की हिदायत दी है। कुल मिलाकर, नीतीश कुमार की JDU अब साफ-सुथरी छवि के साथ चुनावी जंग लड़ने को तैयार है। विपक्ष को इससे चुनौती मिली है।




