Bihar Chunav 2025: मोहनियां से RJD उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द, महागठबंधन को दूसरा झटका
बिहार चुनाव, RJD उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द, भाजपा की शिकायत पर कार्रवाई
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नामांकन जांच के दौरान बड़ा उलटफेर हुआ। कैमूर जिले की मोहनियां विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया। यह महागठबंधन के लिए दूसरा बड़ा नुकसान है। अब गठबंधन को बिना लड़े ही दो सीटें गंवानी पड़ी हैं। निर्वाचन विभाग ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। श्वेता सुमन ने भाजपा पर साजिश का आरोप लगाया है। यह घटना चुनावी माहौल को और गर्म कर रही है।
श्वेता सुमन कौन हैं और नामांकन क्यों रद्द हुआ?
श्वेता सुमन RJD की टिकट पर मोहनियां से लड़ रही थीं। यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। वे 2020 के चुनाव में भी इसी सीट से लड़ी थीं। उस समय उनके नामांकन में पता उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र का लिखा था। लेकिन इस बार उन्होंने बिहार का पता दिया। मंगलवार को भाजपा ने निर्वाचन आयोग में शिकायत की। उन्होंने कहा कि श्वेता सुमन मूल रूप से यूपी की रहने वाली हैं। बिहार की SC आरक्षित सीट पर लड़ने के लिए उम्मीदवार का बिहार का मूल निवासी होना जरूरी है। जाति प्रमाण पत्र पर आपत्ति के बाद बुधवार को नामांकन खारिज हो गया। भाजपा नेता विद्यांचल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, श्वेता ने 2020 में यूपी का पता दिया था, अब बिहार का दे रही हैं। यह नियमों के खिलाफ है।
महागठबंधन को क्या नुकसान हुआ?
यह महागठबंधन का दूसरा झटका है। पहले पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली सीट से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द हो चुका था। VIP RJD की सहयोगी पार्टी है। अब मोहनियां और सुगौली दोनों सीटें गठबंधन के हाथ से निकल गईं। वोटिंग से पहले ही यह नुकसान गठबंधन की रणनीति पर असर डालेगा। श्वेता सुमन ने कहा, भाजपा ने मेरे खिलाफ साजिश रची है। वहीं, एनडीए को भी एक झटका लगा। सारण जिले की माधौरा सीट से लोजपा (रामविलास) की सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया।
बिहार चुनाव 2025 में नामांकन विवाद क्यों बढ़े?
बिहार चुनाव में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान कई आपत्तियां आईं। भाजपा ने कई उम्मीदवारों पर सवाल उठाए। विद्यांचल राय ने कहा, “SC सीट पर बिहार का मूल निवासी होना जरूरी है, श्वेता यूपी की हैं।” यह विवाद गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रहा है। वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है, ऐसे में ये घटनाएं चुनावी दांव-पेंच को तेज कर देंगी। निर्वाचन आयोग ने सभी आपत्तियों पर सख्ती बरती है।
चुनावी हलचल में क्या असर पड़ेगा?
महागठबंधन को दो सीटें गंवाने से उम्मीदवार बदलने का दबाव बढ़ेगा। RJD और सहयोगी दलों को नई रणनीति बनानी पड़ेगी। भाजपा का दावा है कि यह नियमों का पालन है। बिहार चुनाव 2025 में अभी और ट्विस्ट आ सकते हैं। वोटरों को अब साफ विकल्प चाहिए। अगर आप बिहार के मतदाता हैं, तो स्थानीय खबरों पर नजर रखें। यह घटना पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है।




