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Sonam Wangchuk Arrest: लद्दाख से हजारों किलोमीटर दूर जोधपुर जेल भेजे गए सोनम वांगचुक, प्रशासन बोला- 'शांति के लिए जरूरी'

NSA के तहत गिरफ्तार, लेह में हिंसा के बाद शिफ्ट; समर्थक बोले- तानाशाही, विपक्ष ने की निंदा

Sonam Wangchuk Arrest: लद्दाख में अपने अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे प्रसिद्ध शिक्षाविद, इनोवेटर और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। लद्दाख प्रशासन ने उन्हें लेह की जेल से निकालकर हजारों किलोमीटर दूर राजस्थान की जोधपुर जेल में शिफ्ट कर दिया है। प्रशासन ने इस कदम के पीछे लेह में ‘लोक व्यवस्था और शांति बनाए रखने’ का हवाला दिया है। इस कार्रवाई के बाद सोनम वांगचुक के समर्थकों और विपक्षी दलों में भारी गुस्सा है और उन्होंने इसे ‘तानाशाही’ करार दिया है।

देर रात लेह से जोधपुर जेल किया गया शिफ्ट

सूत्रों के अनुसार, सोनम वांगचुक को शुक्रवार देर रात या शनिवार तड़के बेहद गोपनीय तरीके से लेह से जोधपुर स्थानांतरित किया गया। लद्दाख प्रशासन ने शनिवार दोपहर को एक बयान जारी कर इस खबर की पुष्टि की। बयान में कहा गया है कि लेह में उनकी उपस्थिति से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका थी, जिसे देखते हुए यह एक ‘एहतियाती कदम’ उठाया गया है।

क्यों जेल में हैं सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक पिछले कई महीनों से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में शामिल करने, उसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने और यहां के नाजुक पर्यावरण की रक्षा की मांगों को लेकर एक शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। वह इस मुद्दे पर कई बार आमरण अनशन भी कर चुके हैं। कुछ दिनों पहले, लेह में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने उन्हें निषेधाज्ञा (Prohibitory Orders) का उल्लंघन करने और भीड़ को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

आंदोलन को तोड़ने की कोशिश?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोनम वांगचुक को लेह से जोधपुर शिफ्ट करना, उनके आंदोलन को तोड़ने की एक सोची-समझी रणनीति है। लेह में उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और उनकी जेल के बाहर हर रोज सैकड़ों समर्थक इकट्ठा हो रहे थे, जिससे यह मुद्दा और भी बड़ा होता जा रहा था। उन्हें हजारों किलोमीटर दूर शिफ्ट करके, प्रशासन का लक्ष्य आंदोलन के नेतृत्व और स्थानीय समर्थकों के बीच के जुड़ाव को तोड़ना है, ताकि विरोध प्रदर्शन अपने आप कमजोर पड़ जाए।

Sonam Wangchuk Arrest: विपक्ष ने बताया ‘तानाशाही’, समर्थकों में भारी गुस्सा

सोनम वांगचुक को इस तरह दूर की जेल में शिफ्ट किए जाने की खबर आते ही उनके समर्थकों और विभिन्न नागरिक समाज समूहों ने इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे ‘एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आवाज को दबाने’ की कोशिश बताया है। कई विपक्षी दलों ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे ‘अघोषित आपातकाल’ और ‘अंग्रेजों के जमाने की कार्रवाई’ करार दिया है। उन्होंने सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग की है। इस घटना ने लद्दाख के एक क्षेत्रीय आंदोलन को अब एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है।

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