
Bihar Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) के सुधार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विपक्षी दलों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस, पर सवाल उठाए हैं। BJP ने कहा कि मतदाता सूची को साफ करने की प्रक्रिया में विपक्ष बेवजह हंगामा कर रहा है। BJP नेता और सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि यह प्रक्रिया बिहार में फर्जी वोटरों को हटाने और सही मतदाताओं को शामिल करने के लिए जरूरी है।
मतदाता सूची सुधार क्यों जरूरी?
चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान शुरू किया है। इसका मकसद वोटर लिस्ट से गलत नाम हटाना और नए मतदाताओं को जोड़ना है। BJP का कहना है कि 2003 में RJD के शासनकाल में भी ऐसा अभियान हुआ था, जो सिर्फ 31 दिन में पूरा हुआ था। संजय जायसवाल ने सवाल उठाया कि अगर तब इतनी जल्दी काम हो सकता था, तो अब विपक्ष को क्या दिक्कत है? उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष इस अभियान को ‘वोटबंदी’ कहकर लोगों को गुमराह कर रहा है।
Bihar Election 2025: विपक्ष का विरोध और ‘बिहार बंद’
RJD नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस ने इस अभियान का कड़ा विरोध किया है। 9 जुलाई को तेजस्वी और राहुल गांधी ने पटना में ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया और इसे ‘वोटबंदी’ करार दिया। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया से गरीब, दलित और अल्पसंख्यक वोटरों का नाम कट सकता है, क्योंकि उनके पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है, जिसमें इस अभियान पर रोक लगाने की मांग की गई है।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यह अभियान सभी योग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए है। आयोग ने कहा कि जिन लोगों का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है, उन्हें नए दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। साथ ही, ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है, ताकि ग्रामीण लोग भी आसानी से इसमें हिस्सा ले सकें।
बिहार की जनता के लिए राहत
आयोग ने यह भी कहा कि बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांग मतदाताओं को विशेष मदद दी जाएगी। बिहार में 7.9 करोड़ वोटर हैं, जिनमें से 4 करोड़ ने अब तक अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं। अंतिम वोटर लिस्ट 30 सितंबर 2025 को जारी होगी।