Bihar Vidhansabha Chunav 2025: पूर्वी चंपारण में BJP विधायक के भाई को AIMIM टिकट, ओवैसी का बड़ा दांव
पूर्वी चंपारण में सियासी जंग तेज, राणा रणधीर सिंह (BJP) मधुबन से, राणा रंजीत सिंह (AIMIM) ढाका से मैदान में।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025 में पूर्वी चंपारण जिले का चुनावी मैदान और रोचक हो गया है। यहां पूर्व मंत्री स्व. सीताराम सिंह के दो बेटों ने राजनीतिक मुकाबले को गर्म कर दिया। बड़े बेटे ई. राणा रणधीर सिंह मधुबन से भाजपा के टिकट पर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, छोटे बेटे राणा रंजीत सिंह को एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ढाका विधानसभा से टिकट दिया है। रंजीत ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया। यह कदम भाजपा के खिलाफ एक रणनीतिक चाल माना जा रहा है। बिहार चुनाव 2025 में पूर्वी चंपारण की ये सीटें अब सुर्खियों में हैं।
स्व. सीताराम सिंह के बेटों की अलग-अलग राहें
पूर्वी चंपारण के बंजरिया गांव में स्व. सीताराम सिंह का परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है। वे राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेता थे। 1985 से 2004 तक वे मधुबन विधानसभा के विधायक रहे। बाद में 2004 में शिवहर लोकसभा सीट से सांसद बने। कई बार बिहार सरकार में मंत्री भी रहे। उनके निधन के बाद बड़े बेटे राणा रणधीर सिंह ने भाजपा जॉइन की। वे मधुबन से लगातार दो बार विधायक चुने गए। अब तीसरी बार भाजपा टिकट पर मैदान में हैं। वे राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
दूसरी तरफ, छोटे बेटे राणा रंजीत सिंह ने अपनी अलग राह चुनी। वे एआईएमआईएम से जुड़े। पिछले लोकसभा चुनाव में शिवहर सीट से एआईएमआईएम के टिकट पर लड़े, लेकिन जदयू की लवेली आनंद से हार गए। अब ढाका से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन के समय उन्होंने माथे पर तिलक लगाया, सिर पर सफेद टोपी और गले में लाल गमछा पहना। इससे वे सबको एकजुट दिखाने की कोशिश कर रहे थे।
ओवैसी का BJP पर हमला, ढाका में सीधी टक्कर
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राणा रंजीत सिंह को टिकट देकर भाजपा को चुनौती दी है। ढाका में रंजीत का मुकाबला भाजपा विधायक पवन जायसवाल से है। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि यह दांव भाजपा की सीट छीनने के लिए है। पहले दोनों भाई एक साथ मंच साझा करते थे। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में राणा रणधीर सिंह ने जदयू उम्मीदवार लवेली आनंद का समर्थन किया। इससे भाइयों के बीच दूरी आ गई। रंजीत ने छोटे भाई के पक्ष में प्रचार से खुद को दूर रखा। अब मधुबन और ढाका की सीटों पर यह पारिवारिक टक्कर देखने लायक है।
नामांकन के दौरान रंजीत का संदेश
नामांकन दाखिल करते हुए राणा रंजीत सिंह ने कहा, सबको साथ लेकर चलने की बात। वे सभी वर्गों को एकजुट करने की बात कर रहे थे। पकड़ीदयाल से रिपोर्टर शशिरंजन सिंह ने बताया कि यह नामांकन पूर्वी चंपारण में चर्चा का विषय बन गया। एनडीए और एआईएमआईएम के बीच यह जंग बिहार के अन्य हिस्सों पर भी असर डाल सकती है।