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Bihar Chunav 2025: प्रशांत किशोर का चुनावी डेब्यू, बीजेपी, नीतीश कुमार और तेजस्वी पर क्या पड़ेगा असर?

PK की जनसुराज पार्टी बनेगी तीसरा ध्रुव? बीजेपी, नीतीश और तेजस्वी पर पड़ेगा वोट बंटवारे का असर।

Bihar Chunav 2025: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी (JSP) पहली बार मैदान में उतर रही है। किशोर ने ऐलान किया है कि 9 अक्टूबर 2025 को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होगी, जिसमें उनका नाम भी शामिल होगा। उनका दावा है कि यह लिस्ट सबको चौंका देगी और राजनीतिक समीकरण बदल देगी। बिहार की 243 सीटों पर JSP सभी पर लड़ने की तैयारी में है। लेकिन सवाल यह है कि किशोर का यह डेब्यू एनडीए (बीजेपी-नीतीश कुमार) और महागठबंधन (तेजस्वी यादव) पर क्या असर डालेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि यह वोट बंटवारे से दोनों तरफ नुकसान पहुंचा सकता है। किशोर का फोकस विकास और जाति-धर्म से ऊपर उठकर मुद्दों पर है, जो युवा वोटरों को लुभा सकता है।

नीतीश का आखिरी चुनाव, JSP बनेगी तीसरा विकल्प

प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 में दो मुख्य गठबंधनों को 72% वोट मिले, बाकी 28% अन्य दलों को। लेकिन 2025 में JSP के साथ तीसरे मोर्चे का वोट शेयर 40% तक पहुंच सकता है। उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसा कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा और अगली मकर संक्रांति (जनवरी 2026) तक वे 1 अन्ने मार्ग (सीएम आवास) पर नहीं रहेंगे। किशोर का कहना है कि JSP विकास के मुद्दों पर लड़ेगी, जो बिहार की पुरानी राजनीति को चुनौती देगी। उनकी पार्टी ने पिछले दो सालों में आधार मजबूत किया है। अगर JSP 20% वोट पकड़ लेती है, तो अन्य छोटे दलों के साथ मिलाकर 48% हो सकता है। लेकिन पोलराइजेशन का खतरा भी है, जहां वोटर बीजेपी या आरजेडी के डर से मुख्य गठबंधनों की ओर लौट सकते हैं।

Bihar Chunav 2025: वोट बंटवारा, शहरी इलाकों में चुनौती

बीजेपी के लिए किशोर का एंट्री वोट बंटवारे का खतरा है। अगर JSP शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में मजबूत हुई, तो बीजेपी का वोट शेयर कम हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हिंदू-मुस्लिम पोलराइजेशन के कारण वोटर JSP से दूर होकर बीजेपी की ओर जा सकते हैं, लेकिन विकास के मुद्दे पर युवा वोटर प्रभावित होंगे। 2020 में बीजेपी ने 80 सीटें जीतीं, लेकिन JSP के उम्मीदवार मजबूत हुए तो 10-15 सीटें प्रभावित हो सकती हैं। किशोर को ‘बिहार का केजरीवाल’ कहकर सोशल मीडिया पर प्रचार हो रहा है, जो बीजेपी की युवा रणनीति को चोट पहुंचा सकता है।

तेजस्वी यादव पर प्रभाव: महागठबंधन के वोट बंटेंगे?

तेजस्वी यादव के महागठबंधन को भी JSP से खतरा है। किशोर का विकास एजेंडा मुस्लिम-यादव (M-Y) बेस के अलावा युवाओं को आकर्षित कर सकता है। अगर वोटर बीजेपी के डर से महागठबंधन की ओर लौटते हैं, तो JSP का असर कम होगा, लेकिन अन्यथा 10-12 सीटें प्रभावित हो सकती हैं। 2020 में आरजेडी को 77 सीटें मिलीं, लेकिन JSP के साथ यह संख्या घट सकती है। तेजस्वी को अब सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर देकर जवाब देना होगा।

बिहार चुनाव 2025 का नया समीकरण

किशोर का डेब्यू बिहार को त्रिकोणीय राजनीति की ओर ले जा रहा है। एनडीए (बीजेपी-नीतीश) और महागठबंधन (तेजस्वी) के बीच JSP किंगमेकर या स्पॉइलर बन सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि किशोर की सफलता पोलराइजेशन पर निर्भर करेगी। अगर वे 20% वोट पकड़ लेते हैं, तो बिहार का भविष्य बदल सकता है। सोशल मीडिया पर किशोर को नया विकल्प माना जा रहा है, लेकिन मुख्य दलों की मजबूत मशीनरी चुनौती देगी।

 

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