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Bihar Flood Update: बिहार सीतामढ़ी में रातो नदी का उफान, दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में, घरों में घुसा पानी, पश्चिम चंपारण में फसलें बर्बाद

नेपाल की बारिश से रातो नदी उफान पर, सीतामढ़ी का भिठ्ठामोड़ चौक डूबा, महादलित परिवार खतरे में।

Bihar Flood Update: बिहार के सीतामढ़ी जिले में रातो नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी से बड़ा बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। नेपाल से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से नदी उफान पर आ गई, जिससे सुरसंड प्रखंड के दर्जनों गांव पानी से घिर गए। भिठ्ठामोड़ चौक का बाजार पूरी तरह डूब गया और श्रीखंडी भिट्ठा गांव के वार्ड नंबर 5 में एकमात्र सड़क पर चार फुट पानी का तेज बहाव होने से लोगों का आना-जाना बंद हो गया। महादलित परिवारों समेत सैकड़ों घरों में पानी घुस आया। इसी तरह पश्चिम चंपारण के योगापट्टी में आंधी-बारिश से फसलें तबाह हो गईं, जबकि पूर्वी चंपारण के सुगौली में पुलिया बह गई। यह आपदा बिहार के कई इलाकों में तबाही मचा रही है। स्थानीय लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं।

बाढ़ कैसे आई? कारण और शुरुआती प्रभाव

यह बाढ़ नेपाल के पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश का नतीजा है। रातो नदी का पानी तेजी से बढ़ा और सीतामढ़ी के पूर्वी हिस्से में घुस गया। सुरसंड प्रखंड के भिठ्ठामोड़, श्रीखंडी भिट्ठा, सिमियाही और डाढ़ाबारी पंचायत के कई वार्ड बुरी तरह प्रभावित हुए। एनएच-227 पर चार फुट तक पानी भर गया, जिससे हाईवे पर आवागमन ठप हो गया। आईसीपी निर्माण वाली जमीन पर भी पानी चढ़ आया, जो काम को रोक रहा है।

प्रभावित इलाकों का ब्योरा: घर, सड़कें और जीवन पर असर

सीतामढ़ी में दर्जनों गांवों के घरों में पानी घुस गया। भिठ्ठामोड़ चौक का बाजार डूबा हुआ है, जहां दुकानें बंद पड़ी हैं। श्रीखंडी भिट्ठा के वार्ड 5 में पीसीसी सड़क पर तेज बहाव से गांव कट गया। दिवारी मतौना पंचायत के सिमियाही और डाढ़ाबारी के वार्डों में भी सड़कें जलमग्न हैं। महादलित परिवारों के झोपड़े सबसे ज्यादा खतरे में हैं। पश्चिम चंपारण के योगापट्टी में शुक्रवार शाम से आंधी-बारिश ने हजारों पेड़ उखाड़ फेंके। धान, गन्ना और केले की फसलें बर्बाद हो गईं। कई झोपड़ियां टूट गईं और बिजली-पानी की दिक्कत हो गई। पूर्वी चंपारण के सुगौली में धनौती नदी पर 15 साल पुरानी पुलिया बह गई, जिससे टिकुलिया-हरसिद्धि मार्ग बंद हो गया। सिकरहना नदी के कटाव से 2020 की बाढ़ के विस्थापित 100 परिवार फिर खतरे में हैं।

प्रशासन की कार्रवाई: निरीक्षण और राहत की उम्मीद

सीतामढ़ी में सीओ सतीश कुमार ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। अधिकारियों ने हालात पर नजर रखने का भरोसा दिया। लेकिन राहत सामग्री या बचाव की कोई ठोस योजना अभी साफ नहीं। पश्चिम और पूर्वी चंपारण में भी टीमों को अलर्ट किया गया है। ग्रामीणों ने मांगा है कि नावें भेजी जाएं और भोजन-पानी का इंतजाम हो। सरकार को चाहिए कि जल्दी राहत पहुंचाए, वरना नुकसान और बढ़ेगा। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में बारिश की चेतावनी दी है।

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