Hindi News: जम्मू-कश्मीर को 5 अगस्त 2025 को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? जानिए ताजा अपडेट
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की चर्चा, फारूक अब्दुल्ला ने सरकार से पूछा- कब मिलेगा राज्य का दर्जा?

Hindi News: जम्मू-कश्मीर से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर फिर से चर्चा में है। खबरों के अनुसार, 5 अगस्त 2025 को जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया जा सकता है। यह तारीख इसलिए विशेष है, क्योंकि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। अब, छह वर्ष बाद, इस तारीख को लेकर एक बार फिर उत्साह और उम्मीदें जाग रही हैं।
क्या है जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य दर्जा की चर्चा?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इसके बाद मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक भी होने वाली है। इन घटनाओं ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की अटकलों को हवा दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी सरकार से सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि विधानसभा चुनाव के बाद यह दर्जा बहाल होगा, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं दिखा।
पूर्ण राज्य का दर्जा कैसे मिलेगा?
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में एक नया विधेयक लाना होगा। इस विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास करवाना जरूरी है। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर यह फैसला लागू होगा। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। अब इस कानून में बदलाव करके जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात इसी प्रस्ताव को लेकर हो सकती है।
5 अगस्त क्यों है खास?
5 अगस्त का दिन जम्मू-कश्मीर के इतिहास में बहुत अहम है। 2019 में इसी दिन अनुच्छेद 370 हटाया गया था और राज्य को दो हिस्सों में बांटा गया था। अब लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार 5 अगस्त 2025 को केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर एक और बड़ा फैसला ले सकती है। फारूक अब्दुल्ला ने राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव की मांग भी की है, ताकि जम्मू-कश्मीर की आवाज संसद में और मजबूत हो।