Bihar News: बिहार में ईंट भट्ठा उद्योग की समस्याओं का समाधान, उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से की मुलाकात
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने ईंट भट्ठों की पर्यावरणीय स्वीकृति समस्याओं पर केंद्रीय मंत्री से चर्चा की।

Bihar News: बिहार में ईंट भट्ठा उद्योग (Brick Kiln Industry) की समस्याओं को हल करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। आज, बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव से दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य बिहार में चल रहे ईंट भट्ठों की पर्यावरणीय स्वीकृति से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना था। यह खबर बिहार के लाखों श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
ईंट भट्ठा उद्योग की समस्याएं और चुनौतियां

बिहार में 6,000 से ज्यादा ईंट भट्टे चल रहे हैं, जो करीब 3 से 4 लाख मजदूरों के लिए आजीविका का प्रमुख आधार हैं। इन भट्ठों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार पर्यावरणीय मानकों का पालन करना जरूरी है। लेकिन इन नियमों के कारण भट्ठा मालिकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे न केवल ईंट भट्ठा उद्योग प्रभावित हो रहा है, बल्कि लाखों श्रमिकों के रोजगार पर भी संकट मंडरा रहा है।
श्री विजय कुमार सिन्हा ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि ईंट भट्ठों को पर्यावरणीय स्वीकृति की अनिवार्यता में कुछ छूट दी जाए। इससे उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और श्रमिकों को स्थायी रोजगार मिल सकेगा।
केंद्रीय मंत्री का सकारात्मक रुख
केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने इस मुद्दे को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि ईंट भट्ठा उद्योग की प्रक्रियाओं को सरल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ श्रमिकों के रोजगार को भी प्राथमिकता दी जाएगी। यह बिहार के लिए एक सकारात्मक कदम है, जो उद्योग और श्रमिकों के हितों की रक्षा करेगा।
बिहार सरकार की प्रतिबद्धता
मुलाकात के बाद श्री विजय कुमार सिन्हा ने केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया और इसे बिहार के लिए एक नई उम्मीद बताया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ईंट भट्ठा उद्योग को मजबूत करने और इससे जुड़े लाखों परिवारों की आजीविका को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” यह मुलाकात न केवल पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह बिहार के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।