
Bihar Election News: बिहार के औरंगाबाद जिले के कई गांवों के लोगों ने सड़क की कमी को लेकर एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि अगर उनके गांव में पक्की सड़क नहीं बनी, तो वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वोट नहीं देंगे। यह फैसला औरंगाबाद के कई गांवों में रहने वाले लोगों ने मिलकर लिया है, जो लंबे समय से सड़क जैसी बुनियादी सुविधा के लिए परेशान हैं।
सड़क न होने से ग्रामीणों की मुश्किलें
औरंगाबाद के इन गांवों में सड़कों की हालत इतनी खराब है कि बारिश के मौसम में लोगों का घर से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। कीचड़ और गड्ढों से भरी सड़कों के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। मरीजों को अस्पताल ले जाने में भारी दिक्कत होती है। किसानों को अपनी फसल बाजार तक पहुंचाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण रामू यादव ने कहा, “हमने हर बार नेताओं को वोट दिया, लेकिन सड़क का कोई अता-पता नहीं। अब हम ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ के नारे के साथ आगे बढ़ रहे हैं।” ग्रामीणों का कहना है कि नेताओं के वादे हर बार खोखले साबित हुए हैं।
ग्रामीणों का चुनाव बहिष्कार का ऐलान
औरंगाबाद के खखड़ा पंचायत के करमा और गुरगईया गांव के लोगों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनके गांव को पक्की सड़क से नहीं जोड़ा जाएगा, वे किसी भी राजनीतिक पार्टी को वोट नहीं देंगे। ग्रामीणों ने पंचायत स्तर पर बैठकें कीं और अपनी मांग को जोरदार तरीके से उठाने के लिए गांव में बैनर और पोस्टर लगाए। एक ग्रामीण महिला मीना देवी ने बताया, “हमारे बच्चे कीचड़ में गिरते हैं, बुजुर्गों को चलने में परेशानी होती है। सरकार को हमारी तकलीफ क्यों नहीं दिखती?” ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अब सिर्फ वादों से काम नहीं चलेगा।
Bihar Election News: सरकार और नेताओं पर बढ़ा दबाव
ग्रामीणों के इस सख्त रुख ने स्थानीय प्रशासन और नेताओं पर दबाव बढ़ा दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है, और ग्रामीणों का यह फैसला राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। कुछ स्थानीय नेताओं ने ग्रामीणों से बातचीत शुरू की है और सड़क निर्माण का वादा किया है। लेकिन ग्रामीण अब खाली वादों पर भरोसा नहीं करना चाहते। वे ठोस कदम और सड़क निर्माण की शुरुआत देखना चाहते हैं।