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Bihar Chunav 2025: हेमंत सोरेन की JMM का बड़ा फैसला, अकेले लड़ सकती है चुनाव, RJD-कांग्रेस को चेतावनी

JMM ने बिहार चुनाव 2025 में अकेले उतरने का ऐलान किया, हेमंत सोरेन ने RJD-कांग्रेस को चेताया, 12 सीटों पर नजर, गठबंधन में दरार

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बड़ा ऐलान किया है। JMM बिहार में इंडिया गठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ सकती है। हेमंत सोरेन ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गठबंधन में शामिल नहीं किया गया, तो उनकी पार्टी स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरेगी। यह खबर बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकती है।

JMM की नजरें 12 सीटों पर

JMM ने बिहार में झारखंड से सटी 12 विधानसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित किया है। ये सीटें मुख्य रूप से आदिवासी और पिछड़े इलाकों में हैं, जहां JMM का प्रभाव माना जाता है। हेमंत सोरेन का कहना है कि उनकी पार्टी बिहार में पहले भी चुनाव लड़ चुकी है और इस बार भी तैयार है। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस और RJD हमें गठबंधन में नहीं बुलाते, तो हम जबरदस्ती नहीं घुसेंगे। हम अकेले लड़ने को तैयार हैं।” JMM का यह बयान इंडिया गठबंधन में दरार की ओर इशारा कर रहा है।

RJD-कांग्रेस पर क्यों नाराज है JMM?

हेमंत सोरेन ने कहा कि इंडिया गठबंधन में JMM को बराबर का सम्मान नहीं मिल रहा। झारखंड में JMM ने गठबंधन के साथ मिलकर 2024 का विधानसभा चुनाव जीता, लेकिन बिहार में उनकी पार्टी को नजरअंदाज किया जा रहा है। सोरेन ने RJD और कांग्रेस से साफ शब्दों में कहा कि वे गठबंधन की एकता को कमजोर नहीं होने देंगे, लेकिन अपनी पार्टी का हक भी मांगेंगे। बिहार में JMM की यह रणनीति RJD और कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकती है।

बिहार की सियासत में क्या होगा असर?

JMM का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला बिहार में इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकता है। RJD और कांग्रेस का मुख्य वोट बैंक यादव, मुस्लिम और दलित समुदाय है। JMM अगर आदिवासी और पिछड़े वर्ग के वोटरों को अपनी ओर खींच लेती है, तो गठबंधन को नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर, बीजेपी और जदयू की अगुवाई वाला एनडीए इस दरार का फायदा उठा सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि JMM का यह कदम बिहार के चुनावी समीकरण को बदल सकता है।

जनता की नजर में क्या है सवाल?

बिहार की जनता अब यह देख रही है कि क्या JMM वाकई अकेले चुनाव लड़ेगी या गठबंधन में समझौता हो जाएगा। हेमंत सोरेन की इस चेतावनी ने बिहार की सियासत को गर्मा दिया है। क्या यह फैसला JMM को बिहार में नई पहचान देगा, या गठबंधन की एकता को तोड़ेगा? यह सवाल सभी के मन में है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे ही इस सियासी ड्रामे का जवाब देंगे।

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