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Amit Shah Bihar Rally: 'जंगलराज' की वापसी चाहते हैं क्या? अमित शाह ने नीतीश के गढ़ में भरी हुंकार, RJD पर बोला बड़ा हमला

बिहार चुनाव प्रचार के लिए आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खगड़िया, मुंगेर और नालंदा में रैलियां कीं। उन्होंने RJD-कांग्रेस गठबंधन पर 'जंगलराज' को लेकर जमकर निशाना साधा।

Amit Shah Bihar Rally: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहले चरण का मतदान (6 नवंबर) नजदीक आते ही चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंच गया है। एनडीए (NDA) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, और इसी कड़ी में आज, शनिवार, 25 अक्टूबर को, भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में ताबड़तोड़ तीन रैलियों को संबोधित किया। शाह ने खगड़िया, मुंगेर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जनसभाएं कीं। अपने भाषणों में, उन्होंने आरजेडी (RJD) और कांग्रेस के महागठबंधन पर ‘जंगलराज’ को लेकर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला।

Amit Shah Bihar Rally: नीतीश के गढ़ से ‘जंगलराज’ पर सीधा हमला

अमित शाह ने अपनी रैलियों में एनडीए के ‘विकास राज’ की तुलना महागठबंधन के पिछले शासनकाल, जिसे वे ‘जंगलराज’ कहते हैं, से की।

खगड़िया और मुंगेर में हुंकार:

खगड़िया और मुंगेर में भीड़ को संबोधित करते हुए शाह ने लालू-राबड़ी के शासनकाल की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “याद कीजिए वो दिन, जब शाम 7 बजे के बाद लोग घर से निकलने में डरते थे। अपहरण एक उद्योग बन गया था। क्या आप बिहार में फिर से वही जंगलराज वापस लाना चाहते हैं?” उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की ‘डबल इंजन’ सरकार ने बिहार को उस जंगलराज से निकालकर ‘विकास राज’ की पटरी पर लाया है।

नालंदा में दिया एकजुटता का संदेश:

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में रैली करना एनडीए की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। यहां से शाह ने गठबंधन में ‘ऑल इज वेल’ का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि एनडीए एकजुट है और दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग ‘वोट कटवा’ की भूमिका निभा रहे हैं, वे अप्रत्यक्ष रूप से ‘जंगलराज’ की वापसी में मदद कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव का ’20 महीने बनाम 20 साल’ पर पलटवार

जहां एक तरफ अमित शाह ‘जंगलराज’ का मुद्दा उठा रहे थे, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव भी अपनी जवाबी रैलियों में एनडीए पर पलटवार कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने अपने 17 महीने के उपमुख्यमंत्री कार्यकाल को अपना मुख्य हथियार बनाया है।

वे अपनी रैलियों में कह रहे हैं, “आपने उन्हें 20 साल दिए, उन्होंने बिहार को बेरोजगारी और भ्रष्टाचार दिया। आप मुझे सिर्फ 20 महीने दीजिए, मैं वह काम करके दिखाऊंगा जो वे 20 साल में नहीं कर पाए।” तेजस्वी का अभियान 20 लाख नौकरियों, संविदा कर्मियों को स्थायी करने और बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू करने के वादों पर केंद्रित है।

पहले चरण का चुनावी घमासान: कौन कहां?

जैसे-जैसे पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, दोनों गठबंधनों के स्टार प्रचारकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

गठबंधन (Alliance) स्टार प्रचारक (Star Campaigner) आज की रैलियां (Today’s Rallies) मुख्य मुद्दा (Key Issue)
NDA अमित शाह (Amit Shah) खगड़िया, मुंगेर, नालंदा जंगलराज की वापसी का डर, विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा
NDA नीतीश कुमार (Nitish Kumar) (विभिन्न क्षेत्रों में) 18 साल का सुशासन, एनडीए की उपलब्धियां
महागठबंधन तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) (8-10 रैलियां) 20 महीने का काम, 20 लाख नौकरियां, बदलाव
महागठबंधन कांग्रेस/वाम दल (अपने-अपने क्षेत्रों में) बेरोजगारी, महंगाई, 8 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’

नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, बिहार का चुनावी रण अब असली घमासान में बदल गया है। एनडीए जहां एकजुट होकर ‘जंगलराज’ के डर और ‘विकास राज’ के वादे पर चुनाव लड़ रहा है, वहीं महागठबंधन ‘बदलाव’ और 17 महीने के काम के नाम पर वोट मांग रहा है। हालांकि, महागठबंधन के भीतर 8 सीटों पर हो रही ‘फ्रेंडली फाइट’ एनडीए को एक मनोवैज्ञानिक बढ़त दे रही है। अब देखना यह है कि 6 नवंबर को पहले चरण की 121 सीटों पर जनता किस पर अपना भरोसा जताती है।

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