Bihar News: विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने मांगे 1 लाख अतिरिक्त आवास, पीएम आवास योजना से गरीबों को मिलेगा सीधा लाभ
बिहार में PMAY-U के तहत एक लाख अतिरिक्त घरों की मांग, शहरी विकास को मिलेगी गति

Bihar News: बिहार सरकार ने केंद्र से PMAY-U के दूसरे चरण में एक लाख अतिरिक्त घरों की मांग की है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने यह अनुरोध किया ताकि शहरी गरीबों को पक्के मकान मिल सकें। योजना को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाया गया है, जिससे बिहार में अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
शहरी गरीबों के लिए नई उम्मीद
बिहार में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, और इसके साथ ही गरीब परिवारों के लिए पक्के मकान की जरूरत भी बढ़ी है। PMAY-U के तहत पहले चरण में बिहार को छह लाख घर आवंटित किए गए थे। अब दूसरे चरण में एक लाख और घरों की मांग के साथ, सरकार का लक्ष्य शहरी गरीबों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। यह कदम बिहार के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
केंद्र सरकार को लिखा गया पत्र
नगर विकास एवं आवास विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अतिरिक्त घरों की मांग को औपचारिक रूप दिया है। यह पत्र बिहार के शहरी निकायों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। विभाग का कहना है कि अतिरिक्त आवास स्वीकृत होने से शहरी गरीबों को पक्के मकान के साथ-साथ सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
योजना का विस्तार और इसका महत्व
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का दूसरा चरण बिहार में गरीबी उन्मूलन और आवास सुविधा को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकता है। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे न केवल रहन-सहन का स्तर सुधरता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है।
बिहार में PMAY की प्रगति
बिहार में PMAY के तहत पहले से ही लाखों परिवारों को पक्के मकान दिए जा चुके हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस योजना ने जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचाया है। अब अतिरिक्त एक लाख घरों की मांग के साथ, बिहार सरकार शहरी क्षेत्रों में आवास की कमी को और कम करने की दिशा में काम कर रही है।
बिहार के गरीबों को मिलेगा लाभ
अगर केंद्र सरकार बिहार की इस मांग को मंजूरी देती है, तो यह शहरी गरीबों के लिए एक बड़ा तोहफा होगा। इससे न केवल आवास की समस्या हल होगी, बल्कि बिहार के शहरी विकास को भी नई गति मिलेगी। यह कदम बिहार को देश के उन राज्यों में शामिल कर सकता है, जहां हर गरीब परिवार के पास पक्का मकान हो।