
Patna: यूनानी चिकित्सा पद्धति से विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कदमकुआं स्थित राजकीय तिब्बी कालेज NABH (National Accreditation Board for Hospitals & Healthcare Providers) प्रमाणन कराएगा। इसमें प्रदेश का पहला NABH व NABL (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) प्रमाणित संस्थान क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (RRIUM) तिब्बी कालेज का सहयोग करेगा। इसकी शुरुआत गुरुवार को विश्व यूनानी दिवस के उपलक्ष्य में यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान व नवाचार-भविष्य के परिप्रेक्ष्य में विषय पर आयोजित कार्यशाला से हो गई।
इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि RRIUM के उप निदेशक डा. मुमताज अहमद व राजकीय तिब्बी कालेज सह अस्पताल के अधीक्षक डा. शाहनवाज अख्तर ने किया। स्वागत भाषण में डा. शाहनवाज अख्तर ने बताया कि गठिया व अन्य जोड़ दर्द, श्वास, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा, त्वचा रोग व लिवर के जटिल रोगों का यूनानी चिकित्सा पद्धति में दुष्प्रभाव रहित उपचार संभव है। दवा असर में देरी के बावजूद ओपीडी में 400 से 500 मरीज प्रतिदिन उपचार कराते हैं। भर्ती रोगियों की संख्या भी बढ़ गई है। सरकार के सहयोग से अधिसंख्य दवाएं, जांच सुविधा मुफ्त है। ऐसे में व्यवस्था में थोड़ा सुधार व कुछ संसाधन बढ़ाकर इसे एनएबीएच प्रमाणित कराया जा सकता है। इससे लोगों का विश्वास और बढ़ेगा। आरआरआइयूएमके वैज्ञानिक डा. राजेश ने सभी को एनएबीएच मानक व जरूरी तथ्यों की जानकारी दी।
सांख्यिकी विश्लेषक डा. चंद्रमणि यादव ने एनएबीएच के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र, कागजात व अन्य मानकों की जानकारी दी। डा. जिकरा तहसीन ने मरीजों की देखरेख व सुरक्षात्मक प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला। आयोजन सचिव एसोसिएट प्रोफेसर डा. मोहम्मद रजी, डा. मोहम्मद तनवीर आलम, डा. मंसूर आलम, डा. आलिया परवीन, डा. जावेद अनवर, डा. एसएम शिराज, डा. मो. नजामुद्दीन, डा. मो. नफीस इकबाल, डा. जावेद अहमद, डा. अब्दुस सलाम फलाही ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।