Bihar Election 2025: 'साइलेंट वोटर' महिलाएं बनेंगी 'गेम चेंजर', जानें क्यों NDA को है अपनी 'नारी शक्ति' पर पूरा भरोसा
NDA को 'नारी शक्ति' पर भरोसा, नीतीश की योजनाएं और उज्ज्वला-अवास से महिलाओं में बढ़ा विश्वास

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की लड़ाई जैसे-जैसे तेज हो रही है, सभी राजनीतिक दलों का फोकस राज्य के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली वोट बैंक, यानी महिला मतदाताओं पर टिक गया है। सत्ताधारी एनडीए (NDA), जिसमें बीजेपी और जेडीयू प्रमुख दल हैं, इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि इस बार भी ‘साइलेंट वोटर’ मानी जाने वाली महिलाएं ही ‘गेम चेंजर’ साबित होंगी और उनका वोट एकतरफा रूप से ‘डबल इंजन’ सरकार के पक्ष में पड़ेगा।
पुरुषों से ज्यादा, वोटिंग में भी आगे
एनडीए के इस भरोसे के पीछे ठोस आंकड़े और जमीनी हकीकत है। पिछले एक दशक में, बिहार के मतदाता सूची में महिलाओं की संख्या पुरुषों के करीब पहुंच गई है, और कई विधानसभा क्षेत्रों में तो उनसे आगे भी निकल गई है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले दो-तीन चुनावों से महिलाओं का मतदान प्रतिशत (Voting Percentage) पुरुषों से लगातार अधिक रहा है। यह दिखाता है कि महिलाएं अब केवल एक वोटर नहीं, बल्कि एक निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं, जो सरकार बनाने और गिराने का माद्दा रखती हैं।
नीतीश कुमार की इन 5 योजनाओं ने बनाया ‘महिला-हितैषी’ चेहरा
एनडीए के भरोसे का सबसे बड़ा आधार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पिछले 18 वर्षों में लागू की गईं महिला-केंद्रित योजनाएं हैं। इन योजनाओं ने जमीन पर एक ऐसा लाभार्थी वर्ग तैयार किया है, जो जातिगत समीकरणों से ऊपर उठकर नीतीश कुमार के नाम पर वोट करता है।
- शराबबंदी: यह नीतीश कुमार का सबसे बड़ा और साहसिक फैसला माना जाता है, जिसे उन्होंने मुख्य रूप से राज्य की महिलाओं की मांग पर ही लागू किया था। इसे घरेलू हिंसा और घर की आर्थिक बर्बादी को रोकने वाले एक बड़े कदम के रूप में देखा जाता है।
- पंचायत में 50% आरक्षण: पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने के फैसले ने बिहार में जमीनी स्तर पर एक नई महिला नेतृत्व की फौज खड़ी कर दी है।
- मुख्यमंत्री साइकिल योजना: स्कूली छात्राओं को साइकिल देने की इस योजना ने न केवल लड़कियों की शिक्षा में क्रांति ला दी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और गतिशीलता भी प्रदान की।
- जीविका समूह: बिहार के ग्रामीण इलाकों में ‘जीविका’ के स्वयं सहायता समूहों ने करोड़ों महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है।
- हर घर नल का जल: इस योजना ने महिलाओं को पानी के लिए दूर जाने की मशक्कत से मुक्ति दिलाई है, जिसका उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा असर पड़ा है।
‘डबल इंजन’ का डबल फायदा: उज्ज्वला और आवास योजना
नीतीश कुमार की इन योजनाओं के साथ-साथ, एनडीए केंद्र सरकार की योजनाओं को भी भुनाने की पूरी तैयारी में है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘उज्ज्वला योजना’ (मुफ्त गैस सिलेंडर) और ‘पीएम आवास योजना’ (जिसमें घर का मालिकाना हक अक्सर महिला को दिया जाता है) को ‘डबल इंजन’ सरकार के डबल फायदे के रूप में पेश किया जा रहा है।
Bihar Election 2025: ‘विकास और सुरक्षा’ बनाम ‘सामाजिक न्याय’ की लड़ाई
एनडीए की रणनीति स्पष्ट है: वह महिला मतदाताओं के बीच यह संदेश देना चाहती है कि उनकी सरकार ने न केवल उनका आर्थिक सशक्तिकरण किया है, बल्कि शराबबंदी जैसे फैसलों से उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान की है। एनडीए को यकीन है कि बिहार की महिलाएं इस बार भी जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर ‘विकास’ और ‘सुरक्षा’ के नाम पर वोट देंगी, जो महागठबंधन के सामाजिक न्याय के नारे पर भारी पड़ेगा।