
Bihar News: बिहार के सीमांचल इलाके में वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हजारों संदिग्ध आवेदनों ने प्रशासन को सकते में डाल दिया है। आशंका है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए फर्जी दस्तावेजों के जरिए वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। यह खबर किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
सीमांचल में क्यों मची है अफरा-तफरी?
सीमांचल, बिहार का एक संवेदनशील इलाका, हमेशा से चर्चा में रहा है। हाल ही में वोटर लिस्ट संशोधन के दौरान अधिकारियों ने हजारों आवेदनों में गड़बड़ी पकड़ी। कई लोगों ने आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज जमा किए, लेकिन उनकी सच्चाई पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाहरी लोग फर्जी कागजात बनाकर मतदाता सूची में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है, बल्कि इलाके की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती है।
संदिग्ध आवेदनों का सच क्या है?
चुनाव आयोग के विशेष अभियान में सामने आया कि कई आवेदनों में गलत जानकारी दी गई है। कुछ लोगों के दस्तावेजों में पते और नाम में अंतर पाया गया। किशनगंज और अररिया में ऐसे मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं। जानकारों का मानना है कि अवैध घुसपैठिए वोटर लिस्ट में नाम जोड़कर बिहार की राजनीति और सुरक्षा को प्रभावित करना चाहते हैं।
Bihar News: प्रशासन ने उठाए सख्त कदम
चुनाव आयोग और बिहार प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। अधिकारियों ने बताया कि हर संदिग्ध आवेदन की बारीकी से जांच की जा रही है। फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए विशेष जांच टीमें बनाई गई हैं, जो हर कागजात की सत्यता की पड़ताल करेंगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वोटर लिस्ट में केवल असली मतदाताओं का नाम ही रहे।
स्थानीय लोगों की चिंता
सीमांचल के लोग इस खबर से परेशान हैं। उनका कहना है कि बाहरी लोगों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने से उनके अधिकारों पर असर पड़ सकता है। कई लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।