Bihar Crime News: बिहार के पूर्णिया में अंधविश्वास के चलते एक परिवार के पांच सदस्यों की क्रूर हत्या
अंधविश्वास ने ली 5 जिंदगियां, पूर्णिया में क्रूर हत्याकांड, पुलिस जांच में, जागरूकता की मांग।

Bihar Crime News: बिहार के पूर्णिया जिले में अंधविश्वास की वजह से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। टेटगामा गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतकों में पति, पत्नी और उनके बच्चे शामिल हैं। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है, और बिहार पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
अंधविश्वास बना हत्या का कारण
पुलिस के मुताबिक, इस हत्याकांड के पीछे अंधविश्वास मुख्य कारण है। गांव के कुछ लोगों ने परिवार की एक महिला पर डायन होने का आरोप लगाया। इसके बाद भीड़ ने पहले परिवार के सदस्यों को बुरी तरह पीटा और फिर उनकी हत्या कर शवों को जला दिया। इस घटना ने समाज में फैले अंधविश्वास की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण होती हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच, तीन गिरफ्तार
बिहार पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू की है। पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जमा किए हैं और मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
समाज में जागरूकता की जरूरत
यह घटना बिहार में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की कमी को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में शिक्षा और जागरूकता के अभियान चलाने की जरूरत है। अंधविश्वास के कारण पहले भी कई मासूम लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
स्थानीय लोगों में डर का माहौल
इस घटना के बाद टेटगामा गांव में डर का माहौल है। लोग इस क्रूर हत्याकांड से सदमे में हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि ऐसी घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं। कुछ लोगों ने मांग की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि दूसरों को सबक मिले।
आगे की कार्रवाई
बिहार पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। पूर्णिया जिला प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और पीड़ित परिवार के लिए न्याय का भरोसा दिलाया है।
यह हत्याकांड न केवल पूर्णिया, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक चेतावनी है कि अंधविश्वास और अज्ञानता कितना बड़ा खतरा बन सकता है। समाज को एकजुट होकर ऐसी मानसिकता के खिलाफ लड़ना होगा।