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Bihar News: मतदाता सूची संशोधन से हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए जोखिम, पूर्व चुनाव आयुक्तों ने दी चेतावनी

बिहार में SIR विवाद, 2.5 करोड़ मतदाताओं पर खतरा, विपक्ष का विरोध, EC से प्रक्रिया रोकने की मांग।

Bihar News: बिहार में चुनाव आयोग द्वारा शुरू किया गया विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (Special Intensive Revision) विवादों में घिर गया है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों और विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है कि इस प्रक्रिया से हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लाखों मतदाता वोट देने के अधिकार से वंचित हो सकते हैं। इस संशोधन के तहत आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को स्वीकार नहीं किया जाएगा, जिससे गरीब और कमजोर वर्गों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Bihar News: क्यों हो रहा है यह संशोधन?

चुनाव आयोग का कहना है कि इस संशोधन का मकसद मतदाता सूची को साफ और सटीक करना है, ताकि फर्जी मतदाताओं को हटाया जा सके। लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि यह प्रक्रिया जानबूझकर गरीब, दलित, और अल्पसंख्यक समुदायों को वोट देने से रोकने की साजिश है। इंडिया ब्लॉक ने दावा किया है कि इस संशोधन से बिहार में 2.5 करोड़ से अधिक मतदाता प्रभावित हो सकते हैं, जिसका 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव पर व्यापक असर पड़ सकता है।

गरीब और ग्रामीण मतदाताओं पर असर

यह संशोधन खासकर उन लोगों को प्रभावित करेगा जो ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और जिनके पास वैकल्पिक दस्तावेज नहीं हैं। कई लोग आधार या राशन कार्ड के अलावा अन्य पहचान पत्र नहीं रखते। ऐसे में उन्हें मतदाता सूची से हटाए जाने का डर है। पूर्व चुनाव आयुक्तों ने कहा है कि यह कदम लोकतंत्र के लिए खतरा हो सकता है, क्योंकि वोट देना हर नागरिक का अधिकार है।

विपक्ष का विरोध और मांग

विपक्षी नेता योगेंद्र यादव और अन्य ने इस संशोधन को लाखों लोगों को वोट से वंचित करने का प्रयास बताया है। इंडिया ब्लॉक ने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि यह संशोधन निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित कर सकता है और सरकार की मंशा पर सवाल उठाता है।

Bihar News: क्या है समाधान?

विपक्ष और विशेषज्ञों का सुझाव है कि मतदाता सूची को साफ करने के लिए वैकल्पिक दस्तावेजों को स्वीकार किया जाए। साथ ही, ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को मतदाता सूची में नाम दर्ज करने में मदद की जाए। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कोई भी नागरिक अपने वोट के अधिकार से वंचित न हो।

 

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