Parliament Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में 29 जुलाई से 16 घंटे की चर्चा, विपक्ष ने की PM की मौजूदगी की मांग
ऑपरेशन सिंदूर पर 29 जुलाई से राज्यसभा में 16 घंटे की चर्चा, विपक्ष ने मांगा PM मोदी का बयान

Parliament Monsoon Session: संसद के मॉनसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ी चर्चा होने वाली है। राज्यसभा में 29 जुलाई 2025 से इस मुद्दे पर 16 घंटे की बहस होगी। यह फैसला बुधवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में लिया गया। पहले लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे की चर्चा की बात थी, लेकिन अब राज्यसभा में भी 16 घंटे का समय तय किया गया है। विपक्ष ने मांग की है कि इस चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहें। यह खबर बिहार और पूरे देश में चर्चा का विषय बन रही है।
जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की ओर से 7 मई 2025 को शुरू किया गया एक सैन्य अभियान था। यह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इसके बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और यूसीएवी हमले किए, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
Parliament Monsoon Session: विपक्ष का हंगामा और मांग
विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन, ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर तुरंत चर्चा की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि सरकार को इस अभियान की पूरी जानकारी देनी चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का श्रेय लिया। राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?” विपक्ष चाहता है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर संसद में जवाब दें।
संसद में हंगामे का माहौल
मॉनसून सत्र के पहले दो दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गए। लोकसभा और राज्यसभा में SIR और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन हुए। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के रवैये को “गलत” बताया। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने भी 25 नोटिस खारिज किए, जिसमें SIR और अन्य मुद्दे शामिल थे।
जानें क्या है चर्चा का महत्व?
29 जुलाई को होने वाली यह बहस बहुत अहम है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शामिल होने की उम्मीद है। यह चर्चा ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्य, परिणाम और भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाएगी। बिहार में SIR के साथ-साथ यह मुद्दा सियासी तौर पर भी गर्म है।