
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में शारदीय नवरात्रि के उत्सव के बीच एक दर्दनाक हादसा हो गया है। जिले के कांटी थाना क्षेत्र में एक घर में पूजा के लिए जलाई गई अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) से आग लगने के कारण एक ही परिवार के पांच सदस्य गंभीर रूप से झुलस गए। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सभी को इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना के बाद, प्रशासन ने नवरात्रि के दौरान पूजा-पाठ करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की अपील की है।
कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा?
घटना कांटी थाना क्षेत्र के एक गांव की है, जहां एक परिवार ने नवरात्रि के पहले दिन (22 सितंबर) को अपने पूजा घर में अखंड ज्योति की स्थापना की थी। बताया जा रहा है कि गुरुवार देर रात, जब परिवार के सदस्य सो रहे थे, तो दीये की लौ पास में लगे पर्दे या पूजा के लिए इस्तेमाल हुए किसी अन्य कपड़े के संपर्क में आ गई। सिंथेटिक कपड़ों के कारण आग ने तुरंत विकराल रूप ले लिया और कमरे में सो रहे परिवार के सदस्यों को अपनी चपेट में ले लिया। चीख-पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग इकट्ठा हुए और किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 5 लोग बुरी तरह झुलस चुके थे।
एक ही परिवार के 5 लोग अस्पताल में भर्ती
पड़ोसियों और मौके पर पहुंची पुलिस की मदद से सभी घायलों को तुरंत मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायलों का इलाज चल रहा है, लेकिन उनमें से दो की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। इस घटना से पूरे गांव में मातम का माहौल है।
अखंड ज्योति जलाते समय बरतें ये 5 जरूरी सावधानियां
यह दुखद घटना उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाते हैं। थोड़ी सी लापरवाही एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। विशेषज्ञ इन सावधानियों को बरतने की सलाह देते हैं:
दीये को सुरक्षित स्थान पर रखें: दीये को हमेशा पर्दे, कपड़े, लकड़ी के मंदिर या किसी भी अन्य ज्वलनशील वस्तु से कम से कम 2-3 फीट की दूरी पर रखें।
कांच की चिमनी का प्रयोग करें: दीये के ऊपर हमेशा एक कांच की चिमनी (Glass Cover) लगाकर रखें। यह लौ को हवा के झोंकों से बचाता है और चिंगारी को फैलने से रोकता है।
दीये को अकेला न छोड़ें: यह सुनिश्चित करें कि घर में 24 घंटे कोई न कोई सदस्य मौजूद रहे, जो दीये पर नजर रख सके। घर में ताला लगाकर बाहर न जाएं।
पास में पानी या रेत रखें: आपात स्थिति के लिए पूजा स्थल के पास हमेशा एक बाल्टी पानी या रेत भरकर रखें, ताकि आग लगने पर उसे तुरंत बुझाया जा सके।
सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें: पूजा करते समय या दीये के पास काम करते समय नायलॉन, पॉलिएस्टर जैसे सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि ये बहुत तेजी से आग पकड़ते हैं। हमेशा सूती कपड़े पहनें।