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Bihar Vidhansabha Chunav: BJP ने तय किया सीट बंटवारे का फॉर्मूला, चिराग पासवान को मिलेगी बड़ी संख्या

चुनाव 2025, BJP ने NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला बनाया, चिराग पासवान को मिलेगी बड़ी हिस्सेदारी।

Bihar Vidhansabha Chunav: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की अगुवाई करने वाली भाजपा ने सीट बंटवारे का एक नया फॉर्मूला तैयार कर लिया है। इस फॉर्मूले के तहत हर सहयोगी दल को उनकी ताकत के आधार पर सीटें मिलेंगी, और किसी भी दबाव में आकर फैसला नहीं होगा। गठबंधन में सभी पार्टियों को बराबर महत्व दिया जाएगा, न कि किसी को बड़ा भाई या छोटा भाई माना जाएगा। यह घोषणा इस महीने के अंत तक होने की उम्मीद है। इससे चिराग पासवान की लोजपा (राम विलास) को भी फायदा मिलेगा।

सीट बंटवारे का नया फॉर्मूला, ताकत और रणनीति पर आधारित

भाजपा का यह फॉर्मूला सहयोगी दलों की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसमें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है, जैसा कि पहले चुनावों में हुआ था। हाल के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली लोजपा (राम विलास) को भी मजबूत हिस्सा मिलेगा। पिछली विधानसभा चुनावों में गठबंधन से बाहर रहने के बावजूद चिराग पासवान की पार्टी ने अब वापसी की है। अन्य छोटे सहयोगी जैसे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को भी उनकी क्षमता के अनुसार सीटें दी जाएंगी। यह बंटवारा सामाजिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।

चिराग पासवान के लिए खुशखबरी

चिराग पासवान के लिए यह फॉर्मूला राहत की सांस है। लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी ने कई सीटें जीतीं, जिससे भाजपा ने उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका देने का फैसला किया है। गठबंधन में उनकी वापसी से एनडीए की एकजुटता मजबूत हुई है। चिराग ने पहले ही कहा था कि वे बिहार की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखेंगे। इस फॉर्मूले से उनकी पार्टी को 20-30 सीटों का हिस्सा मिल सकता है, जो विपक्ष के लिए चुनौती बनेगा।

विपक्ष की रणनीति पर असर, एनडीए की एकता बनी ताकत

यह सीट बंटवारा विपक्षी महागठबंधन की रणनीति को भी प्रभावित करेगा। भाजपा का मानना है कि सभी दलों को बराबर सम्मान देकर गठबंधन की मजबूती सुनिश्चित होगी। पिछले चुनावों के प्रदर्शन और वर्तमान हालात को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बिहार की 243 सीटों पर भाजपा खुद 150-160 सीटें लड़ सकती है, बाकी सहयोगियों को बांटी जाएंगी। इससे एनडीए का लक्ष्य साफ है,पूर्ण बहुमत हासिल करना। अंतिम घोषणा होने पर ही पूरी तस्वीर साफ होगी।

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