Bihar News: गंडक नदी के उफान से टूटी गांवों की कनेक्टिविटी, लोग जान जोखिम में डालकर कर रहे सफर
पश्चिम चंपारण, गंडक नदी की बाढ़ से तबाही, गांव डूबे, लोग जुगाड़-कड़ाह पर मजबूर

Bihar News: पश्चिम चंपारण जिले में गंडक नदी के उफान ने भारी तबाही मचाई है। नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। मुख्य सड़कों पर 10 फीट तक पानी भर गया है, जिससे लोगों का आवागमन लगभग ठप हो गया है। स्थानीय लोग नाव की कमी के कारण जुगाड़ और कड़ाह जैसे असुरक्षित साधनों से नदी पार करने को मजबूर हैं, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ गया है।
गंडक नदी का बढ़ता जलस्तर बना मुसीबत
पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बेतिया के कई गांव जैसे लालगढ़, मझरिया और हरदिया पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। सड़कों पर पानी का बहाव इतना तेज है कि वाहन चलाना असंभव हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं होने से वे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।
Bihar News: जुगाड़ और कड़ाह बने सहारा
नाव की कमी के कारण लोग जुगाड़ और कड़ाह का सहारा ले रहे हैं। कई लोग टायर, बांस और प्लास्टिक के डिब्बों से बने जुगाड़ पर सवार होकर नदी पार करने की कोशिश कर रहे हैं। यह नजारा देखकर हर कोई हैरान है, लेकिन ग्रामीणों के पास कोई और रास्ता नहीं है। एक स्थानीय निवासी रामू यादव ने बताया, “नाव नहीं मिल रही, इसलिए कड़ाह में बैठकर नदी पार करते हैं। डर तो लगता है, लेकिन मजबूरी है।”
प्रशासन की लापरवाही से लोग परेशान
ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने इस आपदा से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। नाव, राहत सामग्री और बचाव दल की कमी के कारण लोग मुश्किल में हैं। कुछ लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं और उन्हें खाने-पीने की चीजों की भी किल्लत हो रही है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन हालात को देखते हुए यह नाकाफी लग रहा है।
लोगों से सावधानी बरतने की अपील
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी के तेज बहाव में न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें। साथ ही, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द नाव और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए, ताकि उनकी मुश्किलें कम हो सकें।