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Bihar Chunav 2025: मतदाता सूची संशोधन पर सियासी बवाल, विपक्ष ने लगाया EC पर पक्षपात का आरोप

Bihar Chunav 2025: मतदाता सूची संशोधन पर विवाद, विपक्ष ने EC पर लगाया पक्षपात का आरोप।

Bihar Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले निर्वाचन आयोग (EC) के मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) के फैसले ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और RJD, ने इसे दलितों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश बताया है। EC ने 25 जून से बिहार में मतदाता सूची की जांच शुरू की है, जिसका मसौदा 1 अगस्त को आएगा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान अक्टूबर में हो सकता है।

मतदाता सूची संशोधन क्यों?

निर्वाचन आयोग ने कहा कि बिहार में तेजी से शहरीकरण, प्रवास, मृतकों के नाम न हटने और अवैध विदेशी नागरिकों के नाम शामिल होने के कारण यह संशोधन जरूरी है। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) 25 जून से 26 जुलाई तक घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जांचेंगे। 1 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होगी और 30 सितंबर तक अंतिम सूची आएगी। EC के अनुसार, यह कदम सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए है। आखिरी बार बिहार में ऐसा संशोधन 2003 में हुआ था।

Bihar Chunav 2025: विपक्ष का विरोध

कांग्रेस और RJD ने इस संशोधन को “संदिग्ध” और “अनुचित” बताया है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि यह कदम दलितों, गरीबों और अल्पसंख्यकों को वोटिंग से रोकने की साजिश है। RJD नेता चितरंजन गगन और मनोज झा ने कहा कि इतने कम समय में इतना बड़ा काम संभव नहीं है। CPI-ML के दीपांकर भट्टाचार्य ने इसे असम के NRC जैसा बताया, जहां लाखों लोग वोटिंग से वंचित हो गए थे। विपक्ष ने EC से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है।

सियासी माहौल पर असर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नवंबर में होने की संभावना है। इस संशोधन ने NDA (JDU-BJP) और महागठबंधन (RJD-कांग्रेस) के बीच तनाव बढ़ा दिया है। लोग इसे सत्ताधारी दल के फायदे के लिए उठाया कदम मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी चर्चा गर्म है।

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