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Health News: भारत की पहली स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन AdFalciVax, मलेरिया के खिलाफ नया हथियार, 2030 तक खत्म करने का सपना

ICMR ने बनाई देश की पहली स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन AdFalciVax, 5 कंपनियों को मिला उत्पादन का जिम्मा।

Health News: मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश की पहली स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन AdFalciVax को विकसित कर लिया है। यह वैक्सीन मलेरिया के सबसे खतरनाक परजीवी Plasmodium falciparum को खून में पहुंचने से रोक देगी, जो एक तरह का कवच बन जाएगी। ICMR के भुवनेश्वर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (RMRC) ने इसे तैयार किया है। अब पांच भारतीय कंपनियों को इसका लाइसेंस दे दिया गया है, ताकि बड़े पैमाने पर उत्पादन हो सके। यह वैक्सीन भारत के 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को साकार करने में मददगार साबित होगी।

वैक्सीन का जन्म: ICMR की मेहनत, पांच कंपनियों को सौंपा जिम्मा

AdFalciVax का विकास ICMR के नेतृत्व में हुआ, जहां वैज्ञानिकों ने सालों की रिसर्च के बाद इसे तैयार किया। यह वैक्सीन मलेरिया परजीवी को निष्क्रिय करने पर फोकस करती है, ताकि यह इंसान के शरीर में फैल न सके। ICMR ने इसे पांच भारतीय कंपनियों – इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, टेकइन्वेंशन लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड, पैनासिया बायोटेक लिमिटेड, बायोलॉजिकल ई लिमिटेड और जायडस लाइफसाइंसेज – को लाइसेंस दे दिया। इन कंपनियां अब इसे बनाएंगी और देशभर में उपलब्ध कराएंगी। वैक्सीन की खासियत यह है कि यह कम कीमत में बनेगी और गांव-देहात तक आसानी से पहुंच सकेगी।

कैसे काम करेगी वैक्सीन: परजीवी को रोकेगी

यह वैक्सीन मलेरिया के मुख्य कारण बनने वाले Plasmodium falciparum परजीवी को निशाना बनाती है। परजीवी जब मच्छर के काटने से शरीर में घुसता है, तो वैक्सीन इसे खून तक पहुंचने से पहले ही रोक देगी। इससे न सिर्फ बीमारी का खतरा कम होगा, बल्कि फैलाव भी रुकेगा। अभी तक जानवरों पर टेस्ट सफल रहे हैं, और जल्द ही इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू होंगे। वैक्सीन को कमरे के तापमान पर 9 महीने तक स्टोर किया जा सकता है, जो दूरदराज के इलाकों के लिए वरदान है। डॉक्टरों का कहना है कि यह वैक्सीन मलेरिया से सालाना लाखों मौतों को रोक सकती है।

मलेरिया की चुनौती, वैक्सीन बनेगी उम्मीद

भारत में मलेरिया अभी भी बड़ी समस्या है। खासकर ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में मामले ज्यादा हैं। दिल्ली जैसे शहरों में भी बाढ़ के बाद खतरा बढ़ गया है। सितंबर में दिल्ली में 264 केस दर्ज हुए, जो चार साल का रिकॉर्ड है। नोएडा और गाजियाबाद में भी संख्या बढ़ रही है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक मलेरिया मुक्त भारत बनाना है, और AdFalciVax इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। वैक्सीन सस्ती होने से गरीब परिवारों को फायदा मिलेगा। भविष्य में इसे और बेहतर बनाने के लिए रिसर्च जारी रहेगी।

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