Tej Pratap Yadav News: तेज प्रताप यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द, लालू और राबड़ी ने रोका, परिवार में हलचल हुई तेज
लालू-राबड़ी ने रोकी तेज प्रताप की प्रेस कॉन्फ्रेंस, नई पार्टी की अटकलों पर विराम, बिहार सियासत में हलचल

Tej Pratap Yadav News: बिहार की सियासत में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव के परिवार ने सुर्खियां बटोरी हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस को आखिरी वक्त में रद्द कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने तेज प्रताप को यह कदम उठाने से रोक दिया। इस घटना ने बिहार की राजनीति में नया तूफान ला दिया है।
तेज प्रताप की प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों थी अहम?
तेज प्रताप यादव ने आज शाम 5 बजे पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की घोषणा की थी। खबर थी कि वे अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने की बात कह सकते थे। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और तेज प्रताप का यह कदम उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव की सियासी रणनीति को प्रभावित कर सकता था। लेकिन लालू और राबड़ी ने परिवार की एकता और पार्टी की छवि को बचाने के लिए तेज प्रताप को रोक दिया। राबड़ी देवी ने तेज प्रताप को समझाया कि ऐसी घोषणा से राजद को नुकसान हो सकता है।
परिवार में तनाव, सियासत में चर्चा
तेज प्रताप और लालू परिवार के बीच पहले भी कई बार तनाव की खबरें सामने आ चुकी हैं। हाल ही में तेज प्रताप को राजद और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था। इसका कारण उनकी निजी जिंदगी और कुछ विवादित बयान थे। इस बार प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द होने से सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि क्या तेज प्रताप अपनी अलग राह चुनेंगे? कुछ लोग मानते हैं कि लालू ने तेज प्रताप के लिए एक सुरक्षित सियासी रास्ता तैयार किया है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई।
Tej Pratap Yadav News: क्या है तेज प्रताप का अगला कदम?
तेज प्रताप के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे अपनी नई पार्टी बना सकते हैं। हालांकि, लालू और राबड़ी के हस्तक्षेप के बाद अब यह साफ नहीं है कि तेज प्रताप क्या करेंगे। बिहार की जनता और राजद कार्यकर्ता इस घटना पर नजर रखे हुए हैं। तेज प्रताप की हरकतें और उनके बयान हमेशा चर्चा में रहते हैं, जिससे उनकी सियासी छवि पर सवाल उठते हैं।
बिहार की सियासत पर असर
बिहार में चुनाव से पहले राजद के लिए यह घटना बड़ा झटका हो सकती है। तेजस्वी यादव इस समय पार्टी की कमान संभाले हुए हैं, और तेज प्रताप का कोई भी कदम उनकी रणनीति को प्रभावित कर सकता है। लालू परिवार की एकता और राजद की साख दांव पर है। अब देखना यह है कि तेज प्रताप इस रोक के बाद क्या रुख अपनाते हैं।