
Bihar Election 2025: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले सियासी जंग तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला और उन्हें “नालायक बेटा” कहा। यह बयान तेजस्वी के “दामाद आयोग” वाले तंज के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने नीतीश सरकार पर रिश्तेदारों को बड़े पद देने का आरोप लगाया था। मांझी के इस बयान ने बिहार की सियासत में नया बवाल खड़ा कर दिया है। आइए, इस खबर को समझें।
तेजस्वी का ‘दामाद आयोग’ तंज
तेजस्वी यादव ने 17 जून को एक एआई वीडियो शेयर कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एनडीए को “नेशनल दामाद आयोग” कहा और दावा किया कि नीतीश कुमार और पीएम मोदी खास लोगों के दामादों को बड़े पद दे रहे हैं। तेजस्वी ने चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और अशोक चौधरी के रिश्तेदारों को कमीशन में नियुक्ति का जिक्र किया। इस तंज ने सियासी हलचल मचा दी।
Bihar Election 2025: मांझी का तेजस्वी पर पलटवार
जीतन राम मांझी ने तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए एक्स पर लिखा, “बेटे और दामाद दो तरह के होते हैं—लायक और नालायक। लायक बेटा अपने दम पर यूनिसेफ में नौकरी करता है, यूजीसी-नेट पास कर पीएचडी करता है और बीपीएससी की परीक्षा पास कर टीचर बनता है।” मांझी ने तेजस्वी को “नालायक” कहकर तंज कसा और अपने दामाद की मेहनत की तारीफ की। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी पहले अपने परिवार की सियासत देखें।
बिहार में क्यों बढ़ी सियासी गर्मी?
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं। तेजस्वी का दामाद आयोग वाला बयान और मांझी का जवाब सियासी जंग का हिस्सा बन गया है। तेजस्वी का कहना है कि नीतीश सरकार परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है, जबकि मांझी का दावा है कि उनकी पार्टी में मेहनत करने वालों को मौका मिलता है। यह विवाद मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
Bihar Election 2025: जनता पर क्या असर?
इस सियासी बयानबाजी से बिहार की जनता में उत्सुकता बढ़ी है। लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कौन सी पार्टी उनके लिए बेहतर है। मांझी के समर्थक उनके बयान को सही ठहरा रहे हैं, जबकि राजद कार्यकर्ता इसे नीतीश सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश बता रहे हैं।