Bihar News: बिहार स्वास्थ्य विभाग के इस विभाग के ट्रांसफर पर बड़ा फैसला, अब 3 साल बाद होगा तबादला
बिहार स्वास्थ्य विभाग, क्लर्कों का 3 साल बाद ट्रांसफर, डाटा बैंक से निगरानी, मरीजों को बेहतर सुविधा

Bihar News: बिहार के स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले क्लर्कों के लिए बड़ी खबर है। बिहार सरकार ने क्लर्कों के ट्रांसफर को लेकर नया नियम बनाया है। अब स्वास्थ्य विभाग में तैनात लिपिक (क्लर्क) का तबादला हर तीन साल में होगा। यह फैसला बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। इस नए नियम से विभाग में कामकाज बेहतर होगा और कर्मचारियों को नियमित रूप से नई जगह पर काम करने का मौका मिलेगा।
तीन साल में होगा ट्रांसफर, कर्मचारियों को राहत
नए नियम के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले क्लर्कों का तबादला अब हर तीन साल बाद किया जाएगा। पहले तबादलों में कोई निश्चित समयसीमा नहीं थी, जिससे कर्मचारियों को परेशानी होती थी। अब इस नियम से कर्मचारियों को अपने काम और स्थान को लेकर स्पष्टता मिलेगी। साथ ही, यह नियम विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने यह भी कहा कि कर्मचारियों का डाटा बैंक बनाया जा रहा है, ताकि उनके रिकॉर्ड को आसानी से ट्रैक किया जा सके।
डाटा बैंक से होगी निगरानी
स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों का एकीकृत डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है। अभी तक सिर्फ डॉक्टरों और नर्सों का डाटा ऑनलाइन था, लेकिन अब क्लर्कों का भी पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रखा जाएगा। इससे तबादला प्रक्रिया को और आसान और तेज किया जाएगा। विभाग ने सभी कर्मचारियों को 30 जून तक अपनी जानकारी साझा करने का निर्देश दिया है। इससे ट्रांसफर में गलतियों की संभावना कम होगी।
Bihar News : कर्मचारियों और मरीजों को मिलेगा फायदा
इस नए नियम से न सिर्फ कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि मरीजों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। नियमित तबादलों से काम में ताजगी आएगी और स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। सरकार का कहना है कि यह कदम बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत करेगा। साथ ही, कर्मचारियों के बीच काम का बोझ भी बराबर बंटेगा।
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर
नीतीश सरकार बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए कई कदम उठा रही है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मोतिहारी में जिला स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में दवाओं का भंडारण और सुविधाओं में सुधार पर जोर दिया।