रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा, पीएम मोदी से द्विपक्षीय वार्ता, रक्षा और व्यापार पर कई समझौते
25 वर्ष की साझेदारी पर फोकस; यूक्रेन संकट और $100 अरब व्यापार लक्ष्य पर चर्चा हुई।

President Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा 4-5 दिसंबर 2025 को संपन्न हुई। यह यात्रा भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर हुई। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में पुतिन का भव्य स्वागत हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पुतिन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और विजिटर बुक में गांधीजी की शांति की विचारधारा की प्रासंगिकता लिखी। हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी और पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें यूक्रेन संकट, रक्षा, ऊर्जा और व्यापार पर चर्चा हुई। यात्रा में 10 सरकारी समझौते और कई कारोबारी डील होने की उम्मीद थी। छोटे शहरों के लोग जो भारत-रूस दोस्ती को मजबूत देखते हैं, उनके लिए यह यात्रा गर्व की बात है।
मोदी-पुतिन वार्ता की मुख्य बातें और यूक्रेन पर चर्चा
हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी ने पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद लगातार बातचीत हुई है और दुनिया शांति की राह पर लौटेगी। मोदी ने भरोसा जताया कि संवाद से समाधान निकलेगा। पुतिन ने भारत को सच्चा दोस्त बताया। वार्ता में रक्षा सहयोग, 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य, भारतीय निर्यात बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस रहा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री से मुलाकात की, जिसमें स्वदेशी उत्पादन और नई तकनीकों पर बात हुई। कृषि क्षेत्र में फिशरी और मीट आयात पर सहमति बनी।
President Putin: यात्रा का महत्व और भारत-रूस संबंधों की मजबूती
यह यात्रा भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को दिखाती है। दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार में गहरी साझेदारी है। पुतिन की यात्रा से रूस की अलगाव की स्थिति कम करने और भारत के लिए रक्षा सौदों में फायदा होगा। मोदी ने निजी डिनर में पुतिन की मेजबानी की और गीता की रूसी प्रतिलिपि भेंट की। यात्रा से दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए। यह दौरा वैश्विक चुनौतियों में भारत-रूस की दोस्ती का प्रमाण है।



