
Bihar News: बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए राज्य की सभी पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइटों की गुणवत्ता की जांच करने का निर्णय लिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना के अंतर्गत स्थापित सोलर लाइटों में खराबी की शिकायतों के बाद लिया गया है। इस पहल से ग्रामीण इलाकों में रात के समय बेहतर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित होगी और लोगों की सुरक्षा में वृद्धि होगी।
सोलर लाइट योजना में क्यों आई शिकायतें?
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना के अंतर्गत बिहार की पंचायतों में 6 लाख 48 हजार से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइटें स्थापित की गई हैं। हालांकि, कई गांवों से यह शिकायत प्राप्त हुई है कि ये लाइटें जल्दी खराब हो रही हैं। या बिल्कुल काम नहीं कर रही हैं। कुछ जगहों पर लाइटें सार्वजनिक सड़कों के बजाय निजी जगहों पर लगाई गईं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है। उदाहरण के लिए, वैशाली के राघोपुर में ग्रामीणों ने बीडीओ से इसकी शिकायत की थी। इन समस्याओं को देखते हुए सरकार ने सोलर लाइटों की जांच का आदेश दिया है।
जांच और रखरखाव की नई व्यवस्था
पंचायती राज विभाग और बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (BREDA) ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि प्रत्येक 10,000 लाइटों के लिए एक सर्विस केंद्र स्थापित किया जाएगा। इन स्टेशनों की नियमित जांच होगी ताकि लाइटों का रखरखाव ठीक हो। साथ ही, हर सोलर लाइट पर टोल-फ्री नंबर लिखा जाएगा, जिससे ग्रामीण खराबी की शिकायत सीधे विभाग तक पहुंचा सकें। यह व्यवस्था पारदर्शिता लाएगी और ग्रामीणों को सुविधा देगी।
Bihar News: ग्रामीणों के लिए क्या होगा फायदा?
इस जांच से गांवों में रात के समय रोशनी की समस्या दूर होगी। सड़कों पर बेहतर रोशनी से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी। साथ ही, सोलर लाइटों के सही इस्तेमाल से बिजली की बचत होगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा। मुजफ्फरपुर के एक ग्रामीण ने कहा, “अगर लाइटें ठीक होंगी, तो रात में आने-जाने में डर नहीं लगेगा।”
सरकार की प्रतिबद्धता
पंचायती राज सचिव मनोज कुमार ने कहा कि सरकार ग्रामीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सोलर लाइटों की जांच से यह सुनिश्चित होगा कि हर गांव में रोशनी पहुंचे। यह कदम बिहार के विकास में एक और कदम है। ग्रामीणों से अपील है कि वे टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करें ताकि समस्याओं का जल्द समाधान हो सके।