राजपाल यादव की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात, आशीर्वाद मांगा, जीवन में शब्द और कर्म की एकता की प्रार्थना की
कॉमेडियन ने मंत्र पाठ किया और कर्म-शब्द की एकता का आशीर्वाद माँगा। महाराज ने की तारीफ़।

Premanand Maharaj: बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन राजपाल यादव ने वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के आश्रम का दौरा किया। यहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया। राजपाल ने बताया कि उनकी पत्नी भी महाराज जी की बड़ी भक्त हैं और उनका आशीर्वाद चाहती हैं। मुलाकात के दौरान राजपाल ने एक कठिन मंत्र का पाठ किया और जीवन में शब्दों व कर्मों की एकता के लिए प्रार्थना की। प्रेमानंद महाराज ने राजपाल की तारीफ की और कहा कि वे लोगों को हंसाते हैं। यह मुलाकात आध्यात्मिक महत्व की है, जहां राजपाल ने भगवान की मौजूदगी को महसूस किया। छोटे शहरों और गांवों के लोग जो कॉमेडी फिल्में देखते हैं, वे राजपाल को बहुत पसंद करते हैं। यह खबर भक्तों और फैंस के लिए खुशी वाली है।
राजपाल यादव और प्रेमानंद महाराज की मुलाकात: कैसे हुई यह भेंट?
राजपाल यादव वृंदावन के आश्रम पहुंचे और प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए। महाराज जी राधावल्लभ संप्रदाय के प्रसिद्ध संत हैं। राजपाल ने कहा कि पत्नी राधा भी महाराज जी की भक्ति करती हैं। आश्रम में दोनों ने गर्मजोशी से बात की। राजपाल ने संस्कृत मंत्र पढ़ा: “सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्त्यादि हेतुवे! तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नमः।” इसके बाद उन्होंने आशीर्वाद मांगा कि जीवन में बोली गई बातें और किए गए काम एक हो जाएं। प्रेमानंद महाराज ने मुस्कुराते हुए कहा कि राजपाल का अभिनय लोगों को बहुत हंसाता है। वे मनोरंजन का बड़ा स्रोत हैं। यह मुलाकात सोमवार को हुई, जब राजपाल ने आश्रम में समय बिताया। फैंस सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें शेयर कर रहे हैं।
मंत्र पाठ और प्रार्थना: राजपाल ने क्या कहा?
राजपाल ने मंत्र का सही उच्चारण किया, जो कृष्ण भक्ति से जुड़ा है। उन्होंने प्रेमानंद महाराज से कहा, “आशीर्वाद दीजिए कि जीवन में जो बोलें वही करें।” महाराज जी ने सराहना की और सलाह दी कि काम के साथ भगवान को याद रखें। जीवन को आनंदमय बनाएं। मुश्किलों से कभी हार न मानें, बल्कि उनसे लड़ना सीखें। राजपाल ने जवाब में कहा, “आपको देखकर लगता है कि भगवान धरती पर ही हैं।” यह बात सुनकर महाराज जी खुश हुए। राजपाल की सादगी और भक्ति लोगों को पसंद आई। यह पल आश्रम में मौजूद सबके लिए यादगार रहा।
प्रेमानंद महाराज की सलाह: हंसाने वाले राजपाल को क्या उपदेश?
प्रेमानंद महाराज ने राजपाल से कहा कि वे हंसाने का काम तो अच्छा करते हैं, लेकिन भगवान को भूलें न। जीवन में खुशी बांटें और विपत्तियों का सामना करें। राजपाल ने मजाकिया अंदाज में कहा, “हम तो सोचते थे द्वापर हो गया, कृष्ण जी आ गए, सब गोप-गोपी बन गए। मुझे लगता है मैं मनसुखा था।” मनसुखा कृष्ण के एक भक्त गोप का नाम है, जो हमेशा हंसता-खेलता रहता है। यह बात सुनकर महाराज जी और आसपास के लोग जोर से हंस पड़े। राजपाल ने समझाया कि मनसुखा एक सरल, मासूम गोप था जो कृष्ण के साथ शरारतें करता। यह हल्का-फुल्का पल मुलाकात को और मजेदार बना दिया। महाराज जी ने राजपाल को धन्यवाद दिया।
आध्यात्मिक महत्व: भक्ति और मनोरंजन का मेल
यह मुलाकात भक्ति और मनोरंजन का सुंदर संगम दिखाती है। राजपाल जैसे कलाकार जो लोगों को हंसाते हैं, वे भगवान को याद रखें तो जीवन संतुलित रहता है। प्रेमानंद महाराज की सलाह सबके लिए उपयोगी है। मुश्किलों से लड़ना और खुशी बांटना ही सच्ची भक्ति है। राजपाल की यह यात्रा फैंस को प्रेरित करेगी। वृंदावन का आश्रम भक्तों का केंद्र है। राजपाल ने कहा कि महाराज जी को देखकर ईश्वर का एहसास होता है। कोई भविष्य का प्लान नहीं बताया गया, लेकिन यह भेंट राजपाल के जीवन को नई ऊर्जा देगी।



