वंदे मातरम बहस पर गौरव गोगोई का पीएम मोदी पर पलटवार: नेहरूजी पर दाग नहीं लगेगा, 1942 में आपके पूर्वज कहां थे?
वंदे मातरम बहस पर पीएम मोदी के नेहरू पर प्रहार पर गौरव गोगोई का पलटवार: "नेहरूजी पर दाग नहीं लगेगा, 1942 क्विट इंडिया मूवमेंट में आपके पूर्वज कहां थे?

PM Modi: लोकसभा में 8 दिसंबर 2025 को वंदे मातरम के 150वें वर्षगांठ पर विशेष बहस ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्नाह के आगे झुककर वंदे मातरम को विभाजित किया, जिसके कारण देश का विभाजन भी हुआ। मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने वंदे मातरम के विभाजन के आगे सिर झुकाया, इसलिए भारत के विभाजन के आगे भी सिर झुकाना पड़ा।” उन्होंने 1975 के आपातकाल का भी जिक्र किया, जब गीत के 100वें वर्षगांठ पर देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा था और संविधान कुचला गया था। छोटे शहरों और गांवों के लोग जो राष्ट्रीय गीत की भावना से जुड़े हैं, वे इस बहस से चिंतित हैं। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मोदी के बयान पर जोरदार पलटवार किया और नेहरू की विरासत की रक्षा की।
वंदे मातरम बहस का ऐतिहासिक संदर्भ: कांग्रेस ने सबसे पहले गाया था गीत
गौरव गोगोई ने कहा कि लाख कोशिशों के बावजूद नेहरूजी की साख पर दाग नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने सबसे पहले वंदे मातरम को सत्र में गाया था, भले ही मुस्लिम लीग ने इसका पूर्ण बहिष्कार मांगा था और हिंदू महासभा ने इसकी आलोचना की थी। गोगोई ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने स्पष्ट किया था कि वंदे मातरम का कोई विरोध नहीं है। उन्होंने कांग्रेस को मुस्लिम लीग से अलग बताया। गोगोई ने मोदी पर वंदे मातरम बहस को राजनीतिक बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता की भूख में बंगाल को समझने में नाकाम रही। गोगोई ने मोदी की पुरानी आदत पर तंज कसा कि वे नेहरू का 14 बार और कांग्रेस का 50 बार जिक्र करते हैं, जैसे ऑपरेशन सिंदूर बहस में।
गौरव गोगोई का काउंटर अटैक: 1942 क्विट इंडिया में आपके पूर्वज कहां थे?
गोगोई ने सबसे तीखा हमला 1942 के क्विट इंडिया मूवमेंट पर किया। उन्होंने पूछा, “1942 के क्विट इंडिया मूवमेंट में आपके राजनीतिक पूर्वज कहां थे?” उन्होंने भाजपा पर तिरंगे और राष्ट्रगान की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। गोगोई ने कहा कि भाजपा को देशभक्ति का दावा करने का अधिकार नहीं। उन्होंने नेहरू की योगदान को दोहराया और कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय एकता की नींव रखी। यह बहस लोकसभा सत्र के दौरान हुई, जहां विपक्ष ने मोदी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। गोगोई ने कहा कि वंदे मातरम की भावना को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए।
नेहरू रिमार्क्स और वंदे मातरम डिबेट का राजनीतिक असर
यह बहस नेहरू पर मोदी के रिमार्क्स से शुरू हुई, जो कांग्रेस को निशाना बनाने का प्रयास लगता है। गोगोई का पलटवार विपक्ष को मजबूत करने वाला साबित हुआ। लोकसभा में वंदे मातरम की ऐतिहासिक बहस ने देशभक्ति के मुद्दे को फिर से गरमाया। भाजपा ने कांग्रेस को विभाजनकारी बताया, जबकि कांग्रेस ने भाजपा को इतिहास से अज्ञानी कहा। यह घटना 2026 के चुनावों से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ा रही है। नेहरू की विरासत पर बहस जारी रहेगी।



