
23 June 2025 Pyaj Mandi Bhav: देश की मंडियों में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। प्याज की कम आवक और बढ़ती मांग के कारण दामों में तेजी देखी जा रही है। आज प्याज का औसत भाव ₹2036.82 प्रति क्विंटल रहा, जिसमें सबसे कम कीमत ₹100 और सबसे ज्यादा ₹8000 प्रति क्विंटल तक दर्ज की गई। यह स्थिति किसानों के लिए फायदेमंद है, लेकिन आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है। आइए, जानते हैं प्रमुख मंडियों में प्याज के ताजा भाव और इसके पीछे के कारण।
उत्तर प्रदेश और बिहार में प्याज के दाम
उत्तर प्रदेश की मंडियों में प्याज के भाव ऊंचे हैं। लखनऊ में प्याज की औसत कीमत ₹1650 प्रति क्विंटल है, जबकि वाराणसी में यह ₹1670 तक पहुंची। कानपुर और मेरठ में भी दाम ₹1600 के आसपास हैं। बिहार की बात करें तो पटना में प्याज ₹1700 प्रति क्विंटल बिक रहा है। मुजफ्फरपुर और गया में कीमतें ₹1630 से ₹1650 के बीच हैं। कम स्टॉक और ज्यादा मांग ने दाम बढ़ाए हैं। यह किसानों के लिए अच्छा मौका है, क्योंकि वे अपनी फसल को बेहतर कीमत पर बेच सकते हैं।
महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों ने तोड़े रिकॉर्ड
महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज के दाम ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। यहाँ औसत भाव ₹21074.29 प्रति क्विंटल है, और अधिकतम कीमत ₹220000 प्रति क्विंटल तक पहुंची। कोल्हापुर और वाशी न्यू मुंबई में भी दाम काफी ऊंचे हैं। कम पैदावार और विदेशों में प्याज की बढ़ती मांग ने कीमतों को बढ़ाया है। यह किसानों के लिए फायदा दे रहा है, लेकिन आम लोग महंगे प्याज से परेशान हैं।
23 June 2025 Pyaj Mandi Bhav: प्याज के दाम बढ़ने के कारण
प्याज की कीमतों में तेजी के कई कारण हैं। इस साल बारिश और खराब मौसम ने फसलों को नुकसान पहुंचाया, जिससे प्याज की पैदावार कम हुई। मंडियों में स्टॉक कम होने से दाम बढ़ गए। साथ ही, विदेशों में प्याज की मांग बढ़ने से निर्यात बढ़ा, जिसका असर स्थानीय बाजारों पर पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि नई फसल आने पर कीमतें कुछ कम हो सकती हैं।
किसानों और आम लोगों के लिए सलाह
किसानों को सलाह है कि वे प्याज बेचने से पहले मंडी के ताजा भाव जांच लें। इससे उन्हें अच्छी कीमत मिल सकती है। आम लोग प्याज खरीदते समय अलग-अलग दुकानों पर रेट देखें और छोटे दुकानदारों से मोलभाव करें। इससे उनकी जेब पर कम बोझ पड़ेगा।
प्याज की बढ़ती कीमतें आम लोगों के लिए मुश्किल हैं, लेकिन किसानों के लिए यह कमाई का अच्छा मौका है। नई फसल आने तक लोगों को स्मार्ट खरीदारी से बजट संभालना होगा।