
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लोग बेहाल हैं। इस संक्रमण के कुछ खास लक्षणों में सबसे बड़ी परेशानी है, शरीर में ऑक्सिजन लेबल का कम हो जाना। आइए जानते हैं, इस स्थिति से निपटने के लिए शेखपुरा के मशहूर फिजियोथेरेपिस्ट डॉ आनंद जयकिशन ने क्या कहा? कोरोना होने के बाद या उसके जैसे लक्षण दिखने के बाद लोग सबसे बड़ी गलती करते हैं कि वह डर जाते हैं, घबरा जाते हैं और काफी परेशान हो जाते हैं। वे डॉक्टर और हॉस्पिटल की ओर भागने लगते हैं। उनका यह भागम भाग उन्हें काफी परेशान और नर्वस कर देता है। लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए। जब भी आपको कोरोना का लक्षण दिखे तो सबसे पहले आपको शांति से बैठ जाना चाहिए और अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को जांचना चाहिए। शरीर में ऑक्सीजन की कमी सिर्फ कोरोना वायरस के कारण नहीं होता ऐसे कितनी बीमारियां हैं, जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को गिरा देता है। जैसे अस्थमा, ट्यूबरकुलोसिस यानी टीवी, किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन। अगर आपको सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी हो रही है या आपके शरीर के ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर गिर रहा है तो सबसे पहले आप अपने आप को एक कमरे में आइसोलेट कर ले और ऑक्सीजन के स्तर को ऑक्सीमीटर के जरिए जाँचना चाहिए और अगर यह स्तर 95 से कम हो रहा है तो आप परेशान ना हो और ना ही घबरायें। ऐसे कितने तरह के उपाय हैं, जिन्हें हम अपनाकर अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को मेंटेन कर उसे बढ़ा सकते हैं। हम अपने घर पर रहकर भी इन लक्षणों को दवाई से ठीक कर सकते हैं और ऑक्सिजन का स्तर बढ़ा सकते हैं। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए हम लोग वेंटिलेशन का उपयोग करते हैं। हॉस्पिटल में जो होता है, उसे मैकेनिकल वेंटीलेशन कहते हैं और हम लोग जो घरों में करते हैं उसे मैनुअल वेंटिलेशन कहते हैं। तो आइए जानते हैं मैनुअल वेंटीलेशन के कुछ तरीकों को :-
- नंबर 1- पेट के बल सोने को प्रोनिंग कहते हैं और यह सबसे महत्वपूर्ण पोजीशन है। जिसमें ऑक्सीजन की मात्रा सबसे ज्यादा हमारे शरीर में जाती है। ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के यह सबसे अच्छा तरीका है। इसके लिए हमलोग किसी बेड पर पेट के बल सोते हैं और एक तकिया सर के पास दूसरा तकिया कमर के पास और तीसरा तकिया पैर के पास रखते हैं और इस पोजीशन में हम लोग आवश्यकतानुसार आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक रह सकते हैं। इस पोजीशन में रहते हुए हम लोगों को लंबी सांस लेनी है और लंबी सांसे छोड़नी है। ऐसा करने से 30-40 मिनट के बाद हमें अच्छा महसूस होना शुरू हो जाता है।
- नंबर 2- दूसरे पोजीशन में हम किसी बेड पर दाईं करवट सोते हैं, जिसमें एक तकिया या हाथ सर के पास और दूसरा तकिया दोनों घुटनों के बीच होता है। इस पोजीशन में हम एक पैर दूसरे पैर के ऊपर रख कर सोते हैं या एक पैर को मोड़ कर भी सोते हैं। इस पोजीशन में हम आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक रह सकते हैं। इस पोजीशन में रहते हुए हमें लंबी-लंबी सांस लेना और छोड़ना है। यह पोजीशन मैनुअल वेंटिलेशन के लिए अच्छा माना जाता है।
- नंबर 3- इस पोजीशन में हमें बेड पर किसी दीवार के सहारे बैठना होता है, जिसमें कि पैर और कमर के बीच 120 डिग्री का कोण बनना चाहिए। इसे लांग सिटींग भी कहते हैं। इस पोजीशन में पहला तकिया सर के पास और दूसरा तकिया कमर के पास होता है। इस पोजीशन में रहते हुए हमें लंबी लंबी सांस लेना और छोड़ना है। यह पोजीशन भी मैनुअल वेंटीलेशन के लिए अच्छा पोजीशन माना जाता है ।
- नंबर 4 – इस पोजीशन में हमें किसी बेड पर बायीं करवट सोना होता है और इस पोजीशन में एक तकिया या हाथ सर के पास और दूसरा तकिया दोनों पैरों के घुटने के पास होता है। इस पोजीशन में हम एक पैर के ऊपर दूसरे पैर को रख कर सोते हैं या एक पैर को मोड़कर भी रखा जाता है। इस पोजीशन में हम आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक रह सकते हैं और इस पोजीशन में हमें लंबी लंबी सांस लेते रहना है । यह पोजीशन मैनुअल रिलेशन के लिए अच्छा पोजीशन माना जाता है।
- नंबर 5 – और अंत में हमें पुनः पहले पोजीशन को अपनाना होता है जिसमें हम किसी बेड पर पेट के बल सोते हैं और एक तकिया सर के पास एक तकिया कमर के पास और तीसरा तकिया पैर के पास होता है यह पोजीशन मैनुअल वेंटीलेशन के लिए सबसे अच्छा पोजीशन है।
इन तरीकों से हम घर पर रहते हुए भी अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को मेंटेन कर सकते हैं और उसे बढ़ा सकते हैं। इसीलिए जब भी आपको ये लक्षण दिखें तो तुरंत अपने आप को आइसोलेट करें और ऑक्सीमीटर की मदद से ऑक्सीजन के स्तर को जांचते रहे। बताए गए तरीके अपनाकर आप अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावे बुखार, सर्दी, खांसी या अन्य लक्षणों के लिए चिकित्सक की सलाह से जरूरी दवाइयां भी लेनी है। डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। यह संकटकाल बहुत जल्दी खत्म होगा। बहुत जरूरी हो तभी आप घर से बाहर निकलें। अपना और अपने परिवार का विशेष ख्याल रखें। मास्क का उपयोग करें और सामाजिक दूरी का ख्याल रखें।