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Jharkhand News, झारखंड में खनिजों पर नया सेस, महिलाओं के माईया फंड को मिलेगा मजबूत सहारा!

झारखंड कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला: कोयला जैसे खनिजों पर नया सेस मंजूर। इससे राज्य की आय बढ़ेगी

Jharkhand News: झारखंड कैबिनेट ने खनिजों पर सेस लगाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोयला जैसे खनिजों पर यह टैक्स मंजूर हो गया। इससे राज्य की आय बढ़ेगी और महिलाओं की माईया सम्मान योजना को नई ताकत मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद यह कदम उठाया गया, जो राज्यों को खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने का हक देता है। कैबिनेट ने कुल 33 प्रस्तावों को हरी झंडी दी, जिसमें कृषि, बुनियादी ढांचा, शिक्षा और कल्याण योजनाएं शामिल हैं। खनन मंत्री मिथिलेश ठाकुर द्वारा पेश बिल को विधानसभा ने तीन दिन पहले ही पास कर दिया था। यह सेस राज्य कोष को भरपूर करेगा, ताकि सामाजिक योजनाएं सुचारू रूप से चल सकें। महिलाओं को हर महीने मिलने वाली राशि अब समय पर पहुंचेगी। यह फैसला झारखंड की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा।

सेस कैसे लगेगा? कोयला और अन्य खनिजों पर कितना बोझ?

झारखंड खनिज संपदा से भरपूर राज्य है, और अब इस धन का सही इस्तेमाल होगा। सेस प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से लगेगा। कोयले और लौह अयस्क पर 100 रुपये, बॉक्साइट पर 70 रुपये, जबकि मैंगनीज अयस्क और बाकी खनिजों पर 50 रुपये प्रति टन सेस देना होगा। केंद्र सरकार की कंपनियां जैसे सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन इस पर टैक्स देंगी। इससे राज्य को सालाना हजारों करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी। लेकिन चिंता यह है कि थर्मल पावर प्लांट्स को कोयला महंगा पड़ सकता है, जिससे बिजली के दाम बढ़ सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे विदेशी कोयले का आयात बढ़ सकता है। फिर भी, सरकार का मकसद राज्य की आय को बढ़ाकर विकास कार्यों को गति देना है। यह सेस पहले से लगने वाली रॉयल्टी के अलावा होगा, जो खनन क्षेत्र को और पारदर्शी बनाएगा।

माईया योजना को कैसे मिलेगा फायदा? महिलाओं का सपना साकार

माईया सम्मान योजना झारखंड की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इसमें 21 साल से ऊपर की हर महिला को महीने में 1000 रुपये मिलते हैं। लेकिन फंड की कमी से कभी-कभी देरी हो जाती थी। अब सेस से आने वाले पैसे इस योजना को मजबूत बनाएंगे। खनन कंपनियों से वसूली गई राशि सीधे कल्याण योजनाओं में लगेगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे न सिर्फ भुगतान नियमित होगा, बल्कि योजना का दायरा भी बढ़ेगा। अब तक लाखों महिलाएं इससे जुड़ी हैं, और जल्द ही और ज्यादा लाभार्थी जुड़ेंगी। ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे परिवार का जीवन स्तर ऊंचा होगा। यह फैसला चुनावी वादों को पूरा करने वाला है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सेस से राज्य का सामाजिक विकास तेज रफ्तार पकड़ेगा। कुल मिलाकर, यह कदम झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा योगदान देगा।

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